भारत ने यूएई में राजधानी अबुधाबी हवाई अड्डे पर पिछले दिनों हूती विद्रोहियों द्वारा किए गए आतंकी हमले को गंभीरता से लेते हुए इस अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया है। इतना ही नहीं, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति से इस मुद्दे पर एकजुट होने का आह्वान किया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पश्चिम एशिया पर बैठक की शुरुआत करते हुए भारत के स्थायी प्रतिनिधि व राजदूत टी.एस. त्रिमूर्ति ने अबु धाबी पर हाल में हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की है। उस हमले में दो भारतीयों और पाकिस्तानी की मौत हुई थी और छह अन्य घायल हुए थे।
अबू धाबी पर ड्रोन से किए गए हमलों की कड़ी भर्त्सना करते हुए भारत ने आम जन व बुनियादी ढांचों पर हमलों को ‘अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन’ बताते हुए बलपूर्वक कहा कि सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को आतंकवाद के ऐसे जघन्य कृत्यों के विरुद्ध एकजुट होना चाहिए। त्रिमूर्ति ने कहा कि ऐसे हमले पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। यह अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन है, सभी मानदंडों के विरुद्ध है।
भारत ने आम जन व बुनियादी ढांचों पर हमलों को ‘अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन’ बताते हुए बलपूर्वक कहा कि सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को आतंकवाद के ऐसे जघन्य कृत्यों के विरुद्ध एकजुट होना चाहिए। त्रिमूर्ति ने कहा कि ऐसे हमले पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भारत यूएई के साथ खड़ा है। उल्लेखनीय है कि यूएई ने अबु धाबी में हूती विद्रोहियों के आतंकवादी हमलों पर यूएनएससी की बैठक बुलाने का आग्रह किया था। त्रिमूर्ति ने वेस्ट बैंक, यरुशलम तथा गाजा में हाल के घटनाक्रमों पर भी चिंता जताते हुए कहा कि वहां तोड़फोड़ वाली भड़काऊ कार्रवाई जारी है, नई बस्तियां बनाने की घोषणाएं की गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, हूती विद्रोहियों को फिर से आतंकवादी गुट घोषित करने पर विचार चल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिका यमन के हूती विद्रोहियों को एक बार फिर आतंकवादी गुट घोषित करने की सोच रहा है। यूएई के हमले के संदर्भ में जो बाइडन ने कहा कि हमें इस पर गंभीरता से सोचना पड़ेगा। दूसरी तरफ सऊदी-यूएई गठबंधन पिछले कई महीनों से अमेरिका से मांग कर रहा है कि हूती विद्रोहियों को फिर से आतंकी गुट घोषित किया जाए।
टिप्पणियाँ