कोरोना महामारी की वजह से ज्यादातर कंपनियों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने की सुविधा दे रखी है। इस पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि जहां इस कल्चर से फायदे हैं तो वहीं दूसरी ओर कामकाजी महिलाओं के लिए यह तिहरा बोझ बन गया है।
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने मनोरमा ईयरबुक 2022 में प्रकाशित एक लेख में लिखा है। 'अराइज, द फ्यूचर बेकन्स' शीर्षक नाम से लिखे एक लेख में कहा है कि महिलाएं पहले से ही घरेलू जिम्मेदारियों को संभालने के दौरान भुगतान और बिना भुगतान वाले कार्य करके दोहरा बोझ उठा रही हैं। घर में बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी दोनों पर होती है, लेकिन यहां भी माताओं पर जिम्मेदारी डाल दी जाती है। ऐसे समय में पुरुषों को अपने जीवनसाथी की कुछ जिम्मेदारियों को साझा करने के लिए आगे आना चाहिए।
राष्ट्रपति ने लेख में युवाओं के करियर संबंधी आवश्यकताओं को लेकर भी बात की है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर युवा करियर को नौकरी के रूप में लेते हैं, जबकि देश में नौकरशाही और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों को प्रतिभाशाली, मेहनती युवाओं की जरूरत है। केवल सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरी नहीं है, बल्कि हमारे निजी क्षेत्रों ने आय में बहुत योगदान दिया है।
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