राष्ट्रीय चेतना का अग्रदूत और राष्ट्रीय विमर्श को आकार देता पाञ्चजन्य 75वें वर्ष में आज प्रवेश कर गया है। वर्ष 1948 में मकर संक्रांति के दिन पाञ्चजन्य की स्थापना हुई थी। 1948 में पं. दीनदयाल उपाध्याय द्वारा स्थापित, श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्पादन में इसका आरंभ हुआ था। राष्ट्रीय विमर्श को आकार देता देश का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित हिंदी साप्ताहिक है पाञ्चजन्य। अपनी इस यात्रा में विभिन्न मुद्दों को मंच दिया। हीरक जयंती पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी का उद्बोधन।
सरकार चाहे किसी भी राजनीतिक दल की हो, पाञ्चजन्य ने हमेशा आवाज मुखर रखी। पाञ्चजन्य की हीरक जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी का उद्बोधन आज सायं 5 बजे से होगा। पंजीकरण एवं पाञ्चजन्य से जुड़ने के लिए लिंक है :
https://event.webinarjam.com/channel/75-years-panchjanya
Live रूम में शामिल होने के लिए समय से इस लिंक पर क्लिक करें https://event.webinarjam.com/channel/Live-with-panchjanya
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