रामपुर की राजनीति फिर से गरमाने लगी है। आज़म खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम पर चल रहे 43 मामलों में जमानत पर रिहाई होने जा रही है। विधानसभा चुनाव से पहले आज़म पुत्र की रिहाई से एकाएक रामपुर जिले की सियासत गरम हो गई है।
आजम खान और उनके पुत्र पिछले 23 माह से सीतापुर की जेल में बन्द हैं। अब्दुल्ला आज़म को पहले 9 मामलों में जमानत मिल गयी थी, लेकिन वो अपने पिता की बीमारी में देखभाल के लिए जेल में ही रहे। उसके बाद उन पर और भी मामले दर्ज होते गए। अब्दुल्ला आजम पर सबसे बड़ा मामला उनकी विधायकी को लेकर था, जिसमें उन पर अपनी उम्र ज्यादा बताकर स्वार से विधायक बनने की शिकायत को उनके प्रतिद्वंदी नवाब नावेद मियां ने दर्ज करवाया था। आरोप सिद्ध होने पर उनकी विधायकी भी चली गई। आज़म खान रामपुर से सांसद और उनकी पत्नी ताज़िन खान रामपुर से विधायक हैं।
एमपी, एमएलए विशेष अदालत से अब्दुल्ला आज़म की रिहाई हो जाने के बाद उनके और उनकी मां के फिर से सपा प्रत्याशी बनने की बात रामपुर की सियासत में की जा रही है। रामपुर से आज़म खान 9 बार विधायक रह चुके हैं। पिछले 44 सालों में उनकी सियासत रामपुर और आसपास के जिलों में दबदबे से चलती रही है। मुरादाबाद मण्डल की 27 सीटों में से 12 सीटे सपा के पास पिछले चुनावों में मिली थी। हालांकि रामपुर जिले में बीजेपी का भी दबदबा है। जिला प्रशासन द्वारा आजम खां पर चार दर्जन से भी ज्यादा भ्रष्टाचार, सरकारी सम्पत्तियो पर कब्जे,अपहरण, उत्पीड़ित जैसे गंभीर मामले दर्ज किए गए हैं, जिस वजह से उन्हें फरवरी 2020 से जेल में रहना पड़ रहा है।
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