प्रदेश की 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी को भी अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया जा रहा है. सरकार ने प्रदेश में 75,000 निगरानी समितियों को भी जिम्मेदारी सौंपी हैं. कोरोना प्रबंधन में अव्वल रहने वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में कोरोना की पहली लहर में कम समय में जांच की रफ्तार को बढ़ाया था जिसके बाद यूपी प्रतिदिन ढाई लाख से अधिक आरटीपीसीआर जांच करने में सक्षम है. ऐसे में नए वैरिएंट को ध्यान में रखते हुए यूपी में तेजी से जीनोम परीक्षण किया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. वेद व्रत सिंह के अनुसार, प्रदेश में फोकस टेस्टिंग के दायरे को बढ़ाते हुए स्क्रीनिंग, सर्विलांस और जांच को तेजी से बढ़ाया जा रहा है. प्रदेश में आरटीपीसीआर प्रयोगशालाओं का संचालन किया जा रहा है. सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है.
प्रदेश के 500 से अधिक अस्पतालों में मॉक ड्रिल किया गया जिसमें सभी अस्पताल सुविधा से लैस पाए गए. तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण पूरा किया जा चुका है. डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ आदि के लिए पीडियाट्रिक केयर ट्रेनिंग का कार्य भी जिलेवार तेजी से किया जा रहा है.
टिप्पणियाँ