कोलकाता के जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी के रथीन्द्र मंच में अखिल भारतीय प्रज्ञा प्रवाह की पश्चिम बंगाल शाखा लोक प्रज्ञा की ओर से अनुभव दर्शन के कार्यक्रम के तहत स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मनाया गया। इस दौरान प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे. नंदकुमार ने कहा कि नवजागरण के अग्रदूत स्वामी विवेकानंद थे, लेकिन यह ठाकुरबाड़ी तीर्थ के समान है क्योंकि संतमत में तीर्थ उसी को माना जाता है, जहां जगत का हित चिंतन होता है। आध्यात्मिक चिंतन ने ही स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया।
जे. नंदकुमार ने कहा कि स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मनाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह मात्र 100 साल की यात्रा नहीं है, इसके लिए लगातार हम कई सौ सालों से लगे रहे। स्वतंत्रता के 50 साल बाद भी वंदे मातरम का गूंज कहीं नहीं सुनाई देता था, लेकिन उसके बाद 75 साल पूरा होते-होते अब वंदे मातरम भी देश के ज्यादातर हिस्सों में गूंजने लगा है और अब हम आत्मनिर्भर भारत की भी बात कर रहे हैं। उन्होंने सांख्य दर्शन, योग, आनंद दर्शन, वेदांत दर्शन की चर्चा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बिना कोई भी बड़ा काम नहीं हो सकता। वहीं, स्वास्तिका के अर्णव नाग ने हिंदू मेला के बारे में बताते हुए ठाकुरबाड़ी के महत्व को बताया।
इस दौरान विश्व भारती के पूर्व कुलपति डॉ. सुजित बसु ने भी ठाकुरबाड़ी के महत्व को बताया। क्षेत्र संघ चालक अधिवक्ता कोलकाता उच्च न्यायालय अजय नंदी लोकप्रज्ञा के अभिभावक और क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख बलराम दास राय ने शुभकामना व्यक्त की। दूसरे सत्र में रामकृष्ण मठ मिशन के स्वामी विवेकानंद पैतृक आवास और सांस्कृतिक केंद्र के स्वामी ज्ञानलोकानंद जी, दक्षिण बंग संघचालक डॉ. जयंत राय चौधरी, क्षेत्र प्रचारक रमापद पाल, लोक प्रज्ञा के राज्य अनुसंधान प्रमुख डॉ इंद्रजीत सरकार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर राम श्यामली मैत्र भट्टाचार्य की पुस्तक रवि प्रेमी निभृत चारिणी के अलावा 8 पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। पूर्ण वंदे मातरम् गान का गायन शिवेन्द्र त्रिपाठी ने किया। विश्व भारती के पूर्व प्रोफेसर डॉ रामेश्वर मिश्र और हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ शकुंतला मिश्र, मातृ शक्ति की सुतपा भड़ डॉ प्रो रास बिहारी भड़ भी मंचस्थ थे, प्रज्ञा प्रवाह के क्षेत्र संयोजक अरविंद दास और संपर्क प्रमुख डॉक्टर आनंद पांडेय के साथ लोक प्रज्ञा के सभी कार्यकर्ताओं की सहयोगिता से रथीन्द्र मंच में करोना नियम पालन करते हुए 400 लोगों की उपस्थिति से कार्यक्रम सफल रहा। संचालन परमिता गुप्ता और डॉ. सोमशुभ्र गुप्ता ने किया।
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