भारत के साथ गतिरोध के बीच चीन लगातार वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। भारत पर दवाब बनाने के लिए चीनी सेना अब अपने हिस्से वाले पैंगोग त्सो पर एक पुल बना रही है। चीन द्वारा एलएसी के पास कुछ स्थायी निर्माण की खबरें पहले भी आ चुकी हैं।
उपग्रह से ली गई तस्वीरों में स्पष्ट दिख रहा है कि चीन अपने हिस्से वाले पैंगोंग त्सो के सबसे संकरे हिस्से पर एक पुल बना रहा है ताकि एलएसी पर उसके सैनिक आसानी से पहुंच सकें। सूत्रों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन द्वारा झील पर पुल का निर्माण करने से खुर्नक से दक्षिणी तट के बीच 180 किलोमीटर की दूरी घटकर एक चौथाई रह जाएगी। यानी खुर्नक से रुडोक तक जो रास्ता करीब 200 किलोमीटर है, जो पुल बन जाने के बाद मात्र 40-50 किलोमीटर रह जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए भारतीय सेना तैयार है। भारत भी अपने हिस्से वाले इलाके में बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है। इसके अलावा, आतंकवाद निरोधी अभियानों में जुटे सैनिकों को लद्दाख में तैनात कर चुका है। बता दें कि पैंगोंग त्सो की कुल लंबाई 135 किलोमीटर है। इसका एक बड़ा हिस्सा तिब्बत पड़ता है, जबकि कुछ हिस्सा लद्दाख में पड़ता है। भारत के साथ एलएसी को लेकर चीन का विवाद मई 2020 में शुरू हुआ था, जो काफी तल्ख स्थिति में पहुंच गया था। चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर ऊंचाई वाले इलाकों पर कब्जा कर लिया था।
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