अंग्रेजों के अत्याचार और भारत सरकार की उपेक्षा के शिकार खेकड़ा (बागपत, उत्तर प्रदेश) की वीरांगना नीरा आर्य को जल्द ही पहचान मिलने वाली है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ आजाद हिंद फौज की इस वीरांगना ने देश के लिए अपने पति की भी हत्या कर दी थी। गुमनामी में खोई नीरा आर्य को देश के सामने लाने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार व मातृभूमि सेवा संस्थान के संयोजक तेजपाल सिंह धामा ने महत्वपूर्ण जानकारियां जिलाधिकारी को दी हैं। जल्द ही खेकड़ा में नीरा आर्या का स्मारक बनेगा और उनकी मूर्ति की स्थापना होगी। साथ ही हैदराबाद के मंदिर में रखा उनका अस्थि कलश व अन्य महत्वपूर्ण सामान भी खेकड़ा में संग्रहित होंगे। तेजपाल सिंह धामा ने अमर बलिदानी राम प्रसाद बिस्मिल पर एक फिल्म भी बनाई है।
आजाद हिंद फौज में सर्वश्रेष्ठ सैनिक का खिताब पाने वालों में नीरा आर्य भी शामिल रहीं। तेजपाल सिंह धामा ने युवावस्था में खेकड़ा के एक कार्यक्रम में आए आजाद हिंद फौज के एक कमांडर के मुख से नीरा आर्य के बारे में सुना था। उन्होंने कमांडर से उनके बारे में जानकारी हासिल की। तेजपाल सिंह धामा बताते हैं कि जब वह हैदराबाद में पत्रकारिता कर रहे थे। उन्होंने एक झुग्गी-झोपड़ी में नीरा आर्य को जीवन के अंतिम क्षणों में पाया। इसके बाद तेजपाल ने उनकी सेवा की। काफी प्रयास के बाद भी सरकार से उन्हें कोई सहायता नहीं मिल पाई। 1998 में बीमारी के कारण नीरा आर्या ने हैदराबाद में अंतिम सांस ली। नीरा आर्य को नेताजी ने अपने सर्वश्रेष्ठ सैनिक की उपाधि दी। नीरा आर्य के पति अंगेज सेना में अफसर थे। नेताजी जब नीरा आर्य से भेंट करने पहुंचे तो उनके पति ने उन पर फायरिंग कर दी। मौके पर मौजूद देश सेवा को अर्पित नीरा आर्य ने यह देखा, तो नेताजी की जान बचाने के लिए अपने पति की हत्या कर दी।
खेकड़ा में बनेगा स्मारक और संग्रहालय
जल्द ही खेकड़ा में नीरा आर्य का संग्रहालय बनाया जाएगा। जिसके लिए तेजपाल धामा ने बागपत के जिलाधिकारी राजकमल यादव से मुलाकात करके नीरा आर्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां सौंपी। जिलाधिकारी ने तेजपाल धामा के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए जल्द ही खेकड़ा में उनकी प्रतिमा स्थापित करने और संग्रहालय स्थापना में सहयोग का आश्वासन दिया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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