मध्य प्रदेश सरकार ने पंचायतों के पुराने परिसीमन को समाप्त कर दिया है। अब सूबे में जिला से लेकर ग्राम पंचायत तक नए सिरे से परिसीमन कराए जाएंगे।इस बाबत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने गुरुवार देर शाम को नया अध्याबदेश जारी किया। नए अध्यादेश में मध्य प्रदेश पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अध्यादेश-1993 में कुछ संशोधन किए गए हैं।
इस अध्यादेश को पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश-2021 नाम दिया गया है। सरकार द्वारा अधिसूचना में कहा गया है कि ग्राम पंचायत या वार्ड या जनपद पंचायत या जिला पंचायत व उसके निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन या विभाजन ऐसी पंचायत के कार्यकाल की समाप्ति के पूर्व किया जाता है और राज्य निर्वाचन आयोग किसी कारणवश परिसीमन के प्रकाशन की तारीख से 18 माह की अवधि के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं करता है तो प्रकाशित परिसीमन या विभाजन को निरस्त माना जाएगा। पूर्व में कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने सितंबर 2019 को जिला, वार्ड और ग्राम पंचायतों का परिसीमन किया था। इसके तहत करीब 1200 नई पंचायतें बनाई गई थीं, जबकि 102 ग्राम पंचायतों को खत्म कर दिया गया था। इसके अलावा 1950 पंचायतों की सीमा में बदलाव किया गया था।
22 नवंबर को शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कमलनाथ सरकार द्वारा किए गए उन पंचायतों का परिसीमन और पंचायत चुनावों में आरक्षण की व्यवस्था को निरस्त कर नया अध्यादेश जारी किया था। इसी के साथ सभी जिला, जनपद या ग्राम पंचायतों में पुरानी व्यवस्था बहाल हो गई, जो 2014 के पंचायत चुनाव के दौरान लागू थी। यानी 2014 के आरक्षण रोस्टर के आधार पर पंचायत चुनाव कराने की घोष्णा की गई। लेकिन कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। 9 दिसंबर को जब उच्च न्यायालय ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया तो कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया।
9 दिसंबर को जब उच्च न्यायालय ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार
17 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाते हुए
27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की अनुमति नहीं दी सकती है
26 दिसंबर को राज्य सरकार ने एक माह पहले जारी अध्यादेश
17 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाते हुए कहा कि चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की अनुमति नहीं दी सकती है। इसी के साथ शीर्ष अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को ओबीसी सीटों को खत्म कर इसे सामान्य वर्ग के लिए अधिसूचित करने का आदेश दिया। इसके बाद आयोग ने मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम-1993 की धारा 42 में दी गई शक्ति और मध्य प्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम-1995 के नियम 18 के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए चुनाव पर रोक लगा दिया। तब 26 दिसंबर को राज्य सरकार ने एक माह पहले जारी अध्यादेश को वापस ले लिया। साथ ही, इसी दिन कैबिनेट बैठक में अधिसूचना जारी करने का फैसला लिया गया और राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे जारी किया।
टिप्पणियाँ