अमेरिका में कोरोना संक्रमण के मामले इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि सरकार और प्रशासन भी हैरान हैं। कोरोना के नए संक्रमणों के तेजी से बढ़ते जाने के बीच वहां ‘पाम स्प्रिंग्स फिल्म फेस्टिवल-2022’ रद्द किया जा चुका है। फिल्म सोसाइटी ने 7-17 जनवरी को होने वाले फिल्म महोत्सव को रद्द करने की घोषणा कर दी है।
कोरोना की भीषण चपेट झेल रहा अमेरिका फिर से संकट में घिर गया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में पिछले जाड़ों के मुकाबले इस बार रोजाना बढ़ते मामलों ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। पिछले हफ्ते में मध्य में वहां 4.88 लाख नए केस दर्ज किए गए थे।
कोरोना के विशेषज्ञों ने कहा है कि क्रिसमस की छुट्टियों में केस में तेजी से वृद्धि देखने में आई है, जो अब बेकाबू होती जा रही है। अमेरिका में पिछले सात दिनों का औसत देखें तो यह 3,01,000 बनता है।
विशेषज्ञों ने सावधान किया है कि आगामी महीनों में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन स्वरूप पुराने डेल्टा स्वरूप को भी पीछे छोड़ सकता है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन की यह बात राहत देती महसूस होती है कि वैक्सीन अब भी असरदार साबित हो रही हैं। ये ही सबको गंभीर बीमारी से बचाएंगी इसलिए वैक्सीन अवश्य लगवाएं।
अमेरिका के 15 राज्यों तथा अन्य क्षेत्रों में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे। साफ है कि वहां तेजी से फैल रहा ओमिक्रॉन संक्रमण बढ़ा रहा है। यही वजह है कि अमेरिका का प्रसिद्ध ‘पाम स्प्रिंग्स फिल्म फेस्टिवल-2022’ रद्द किया गया है। यह 7-17 जनवरी के बीच आयोजित किया जाना था।
उधर चीन में ‘जीरो कोविड-19 मामले’ की नीति भी डगमगा रही है। वहां विंटर ओलंपिक खेलों से पहले विभिन्न प्रांतों में कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ रहे हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, बढ़ता संक्रमण चिंता पैदा कर रहा है।
ब्रिटेन में भी कोरोना रफ्तार पकड़ रहा है। पिछले सप्ताह एक दिन में 1,83,037 नए मामले सामने आना खतरे की घंटी माना गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रॉन ब्रिटेन के अस्पतालों की व्यवस्था डगमगा सकता है। नेशनल हेल्थ सर्विस ने हालात का जायजा लेते हुए आठ अस्पतालों में सब-हब बनाने की कवायद शुरू की है।
विशेषज्ञों ने सावधान किया है कि आगामी महीनों में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन स्वरूप पुराने डेल्टा स्वरूप को भी पीछे छोड़ सकता है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन की यह बात राहत देती महसूस होती है कि वैक्सीन अब भी असरदार साबित हो रही हैं। ये ही सबको गंभीर बीमारी से बचाएंगी इसलिए वैक्सीन अवश्य लगवाएं।
वर्तमान स्थिति पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर जॉन बेल का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट साल भर पहले हमारी देखी बीमारी जैसा नहीं है। उनके हिसाब से यह वेरिएंट उतना गंभीर नहीं होगा। प्रो. बेल के अनुसार, ओमिक्रॉन कम गंभीर दिखता है, इससे प्रभावित मरीजों को अस्पताल में कम वक्त के लिए भर्ती होना पड़ता है।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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