पाकिस्तानी पंजाब के एक विश्वविद्यालय ने शरीर से चिपकी जींस पहनने और लड़कियों के मेकअप करके कालेज आने पर रोक लगा दी है। इस यूनिवर्सिटी ने लड़कों और लड़कियों, दोनों के लिए कड़ा ड्रेस कोड क्रियांवित किया है। कैंपस में नई सूचना जारी करके छात्रों के कपड़ों को लेकर कई तरह की रोक लगाई गई हैं। छात्रों के फटी और कसी जींस पहनने पर रोक लगी है तो छात्राओं के मेकअप करके कालेज आने पर। इस ड्रेस कोड के लागू किए जाने पर छात्र—छात्राओं में ये चर्चा तेज हो गई है कि कहीं पाकिस्तान भी तो पड़ोसी तालिबानी सरकार के नक्शेकदम पर तो नहीं चलने लगा!
एएनआई की खबर के अनुसार, पाकिस्तान के पंजाब सूबे में फैसलाबाद की यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर टोबा टेक सिंह उप परिसर ने छात्र—छात्राओं के लिए यह सख्त ड्रेस कोड लागू किया है। पहनावे से जुड़ी यह सूचना पाकिस्तान के शिक्षा निदेशालय की तरफ से इस बारे में जारी किए आदेश के कुछ महीने बाद आई है। दैनिक 'डेली पाकिस्तान' के अनुसार, इस नई सूचना के बाद अब छात्रों के निकर, कटी—फटी या कसी जींस या पैंट और कैसे भी स्लोगन लिखी टीशर्ट पहनने पर रोक लगा दी गई है। आदेश में है कि छात्र—छात्राओं के चप्पल, टोपी, किसी भी प्रकार की बनियान पहने, लंबे बाल और पोनीटेल, झुमके, कलाई की पट्टियां आदि पर भी रोक लगा दी गई है।
छात्राओें के जींस के साथ टी-शर्ट, बिना बाजू की कमीज, पारदर्शी और देह से चिपके कपड़े पहनने पर भी रोक लगाई गई है। छात्राओं को ध्यान खींचने वाले आभूषण, पायल पहनने और बहुत ज्यादा मेकअप करके आने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। गत सितंबर में इस्लामाबाद स्थित संघीय शिक्षा निदेशालय ने महिला शिक्षकों के जींस और पुरुष शिक्षकों के जींस-टी शर्ट पहनने पर प्रतिबंध लगाया था। |
छात्राओें के जींस के साथ टी-शर्ट, बिना बाजू की कमीज, पारदर्शी और देह से चिपके कपड़े पहनने पर भी रोक लगाई गई है। एजेंसी की रिपोर्ट में है कि छात्राओं को ध्यान खींचने वाले आभूषण, पायल पहनने और बहुत ज्यादा मेकअप करके आने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। बता दें कि गत सितंबर में इस्लामाबाद स्थित संघीय शिक्षा निदेशालय ने महिला शिक्षकों के जींस और पुरुष शिक्षकों के जींस-टी शर्ट पहनने पर प्रतिबंध लगाया था। शिक्षण संस्थानों के अध्यक्षों को यह पक्का करने का आदेश दिया गया था कि उनके यहां के शिक्षक और कर्मचारी ड्रेस कोड का कड़ाई से पालन करें। इसमें बराबर बाल कटवाने, दाढ़ी छांटने, नाखून काटने और इत्र का इस्तेमाल करना भी शामिल है।
उक्त पत्र में तमाम कर्मचारियों को संस्थानों तथा आधिकारिक समारोहों-बैठकों में एक औपचारिक ड्रेस कोड बनाए रखने का भी आदेश दिया गया है। गत दिनों, खैबर पख्तूनख्वा सूबे की दो यूनिवर्सिटी ने भी ड्रेस कोड को लेकर अपने यहां कड़ाई से इसे लागू करने का आदेश जारी किया था।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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