राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार के मामले में उत्तर प्रदेश ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में यूपी प्रथम स्थान पर है। स्वास्थ्य सूचकांक में यूपी विकासशील प्रदर्शन में 5.52 प्राप्तांक हासिल करने में सफल रहा है। डेल्टा रैंकिंग में असम दूसरे व तेलंगाना तीसरे स्थान पर है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि लिंगानुपात एवं शिशु मृत्यु दर के मामले में उत्तर प्रदेश में काफी सुधार हुआ है।
योगी सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हुआ है। सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश में बच्चों में संक्रमण की दर पहले की अपेक्षा कम हुई है। नवजात शिशु मृत्यु दर में भी कमी आई है। वर्ष 2020-2021 की रिपोर्ट के अनुसार यूपी में वर्ष 2015-2016 में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में नवजात शिशु मृत्यु दर (एनएनएमआर) 45.1 प्रतिशत थी तो वहीं 2020-2021 में 35.7 प्रतिशत दर्ज की गई है। ऐसे में नवजात शिशु मृत्यु दर में 9.94 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। नवजात शिशुओं की मृत्यु दर (प्रति एक हजार जन्मे) बच्चों में से एक साल या उससे कम उम्र में मृत्यु और पांच साल से कम में मृत्यु की दर के जारी किए गए आंकड़ों में भी काफी सुधार देखने को मिला है।
यूपी में 1000 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती की गई। विभाग की ओर से 400 विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए पारदर्शी परामर्श-सत्र आयोजित किया गया। इसमें उन्हें अपनी स्वेच्छा से स्वयं अपना तैनाती स्थान का विकल्प चुनने का अवसर प्रदान किया गया। नवंबर में आयोजित इस सत्र में 300 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा प्रतिभाग करके अपने तैनाती स्थान का चयन किया गया।
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