गत दिनों रांची से कुछ ही दूरी पर स्थित खलारी में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता 38 वर्षीय मुकेश सोनी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुकेश सोनी मैक्लुस्कीगंज में आभूषण की दुकान चलाते थे। शाम को वे दुकान बंद कर खलारी लौट रहे थे, तभी उन्हें गोली मारी गई। एक वर्ष पहले मुकेश के पास विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष का दायित्व था। उस समय उन्होंने श्मशान घाट पर अवैध निर्माण करने के विरुद्ध आवाज उठाई थी। वह निर्माण यूनुस अंसारी और प्रिंस खान करवा रहे थे। मुकेश के पिता कालीचरण सोनी ने थाने में आवेदन देकर कहा है, ‘‘पिछले साल 4 सितंबर, 2020 को हिंदुओं के श्मशान घाट पर अवैध निर्माण कर रहे यूनुस अंसारी और प्रिंस खान से मुकेश सोनी का विवाद हुआ था। इसके बाद इन लोगों ने मुकेश के विरुद्ध एक मामला भी दर्ज करवाया था। खलारी के थाना प्रभारी फरीद आलम को सारी घटना की जानकारी थी। इसके बावजूद उन्होंने अपराधियों का साथ दिया है।’’
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पिछले साल 4 सितंबर, 2020 को
हिंदुओं के श्मशान घाट पर
अवैध निर्माण कर रहे
यूनुस अंसारी और
प्रिंस खान से मुकेश सोनी
का विवाद हुआ था।
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इस हत्याकांड का मामला विधानसभा में भी गूंजा। कांके से भाजपा विधायक समरी लाल विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे और उन्होंने मांग की कि अपराधियों को जल्दी से जल्दी पकड़ा जाए। इसके अलावा अनेक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के साथ प्रदर्शन किया। इसका असर भी हुआ और पुलिस ने यूनुस अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
इस हत्याकांड के बाद झारखंड में अनेक तरह की बातें की जा रही हैं। रांची से भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा, ‘‘झारखंड को केरल और पश्चिम बंगाल बनाने की तैयारी चल रही है। इस सरकार में अपराध और अपराधी दोनों बेलगाम हो चुके हैं। इनके निशाने पर भाजपा और संघ विचार परिवार के ही कार्यकर्ता हैं।’
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भाजपा सांसद की बात में सचाई भी दिख रही है। लगभग एक महीने पहले भाजपा युवा मोर्चा, पलामू जिले के कोषाध्यक्ष सुमित श्रीवास्तव की निर्मम हत्या कर दी गई थी। सुमित श्रीवास्तव सिर्फ 25 वर्ष के थे। उनका शव डाल्टनगंज-औरंगाबाद मुख्य पथ पर 14 नवंबर की सुबह उनकी कार से मिला था। वहीं 13 नवंबर को पश्चिम सिंहभूम जिले के नोवामुंडी प्रखंड के भाजयुमो के कोषाध्यक्ष गणेश दास (28 वर्ष) का शव रेलवे पटरी के किनारे मिला था।
गणेश के सिर के पिछले हिस्से और चेहरे पर जख्म के निशान थे। परिजनों ने सोची-समझी साजिश बताते हुए उनकी हत्या की आशंका जतायी है। 22 सितंबर को रांची के ओरमांझी में पुतला दहन कार्यक्रम से लौट रहे भाजपा नेता जीतराम मुंडा की हत्या अपराधियों ने कर दी थी। इससे पहले 21 जुलाई को जमशेदपुर में भाजपा नेता प्रकाश यादव की हत्या कर दी गई थी। इससे पहले 5 जुलाई को भाजपा के लातेहार जिला मंत्री जयवर्धन सिंह को भी मारा गया था।
भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री और रांची की महापौर आशा लकड़ा का कहना है, ‘‘राज्य की गिरती कानून-व्यवस्था हेमंत सरकार के लिए शुभ संकेत नहीं है। पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद अब झारखंड में भी भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ खूनी खेल खेला जा रहा है।’’ इन घटनाओं को देखते हुए लोग कहने लगे हैं कि राजनीतिक हत्या के मामलों में झारखंड भी पश्चिम बंगाल और केरल की लीक पर है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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