आखिरकार सोशल मीडिया का अनैतिकापूर्ण उपयोग करके केन्द्र सरकार पर झूठा लांछन लगाने की चाल कामयाब नहीं हो पाई। उन्होंने आज ट्वीट करके दावा किया था कि केंद्र सरकार ने मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी के तमाम बैंक खाते सील कर दिए हैं। लेकिन इस झूठ से नकाब तब उतर गया तब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ममता के झूठ का खंडन करते हुए कहा कि उसने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के किसी भी खाते को फ्रीज नहीं किया है। इतना ही नहीं, मिशनरीज आफ चैरिटी की तरफ से भी एक बयान जारी करके साफ कर दिया गया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने न उनके खाते फ्रीज किए हैं, न एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया है, न ही उसे निरस्त किया है।
मंत्रालय ने साफ बताया कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लोगों ने एसबीआई से एक अनुरोध किया था, जिसमें बैंक अपने खातों को फ्रीज करना चाहता था। मंत्रालय के बयान में स्पष्ट बताया गया है कि भारतीय स्टेट बैंक ने सूचित किया है कि संस्था ने खुद बैंक को अपने खातों को फ्रीज करने का अनुरोध भेजा था।
इतना ही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सूचित किया है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी को विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के अंतर्गत अपना एफसीआरए पंजीकरण के नवीनीकरण की अनुमति नहीं दी गई थी और क्योंकि संस्था के नवीनीकरण आवेदन को एफसीआरए 2010 तथा विदेशी योगदान के तहत पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के आधार पर 25 दिसम्बर को खारिज किया गया था।
ममता बनर्जी के फर्जीवाड़े की कलई तब और खुल गई जब केंद्रीय गृह मंत्रालय के बयान के बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने भी अपनी तरफ से एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि संस्था एफसीआरए पंजीकरण रद्द नहीं किया गया है। संस्था ने साफ लिखा है कि उसका 'एफसीआरए पंजीकरण न तो रद्द किया गया, न ही निलंबित किया गया है'। साथ ही,'उसके किसी भी बैंक खाते को फ्रीज करने का केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कोई आदेश नहीं दिया गया है'।
पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फर्जीवाड़े की कलई तब और खुल गई जब केंद्रीय गृह मंत्रालय के बयान के बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने भी अपनी तरफ से एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि संस्था एफसीआरए पंजीकरण रद्द नहीं किया गया है, निलंबित किया गया है। इसी स्पष्टीकरण के जरिए संस्था ने साफ लिखा है कि उसका 'एफसीआरए पंजीकरण न तो रद्द किया गया, न ही निलंबित किया गया है'। साथ ही, 'उसके किसी भी बैंक खाते को फ्रीज करने का केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कोई आदेश नहीं दिया गया है'।
मिशनरीज आफ चैरिटी के स्पष्टीकरण में संस्था लिखती है—''हमें सूचित किया गया है कि हमारे एफसीआरए नवीनीकरण आवेदन को मंजूरी नहीं दी गई है। इसलिए, यह सुनिश्चित करने के उपाय के रूप में, कि कोई चूक न हो, हमने अपने केंद्रों से कहा है कि जब तक मामला हल नहीं हो जाता, तब तक किसी भी एफसी खाते का संचालन न करें।''
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज सुबह अपने भड़काने वाले और केन्द्र सरकार का बदनाम करने वाले ट्वीट में लिखा था कि केंद्र सरकार ने मदर टेरेसा की मिशनरीज ऑफ चैरिटी के भारत में सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। उन्होंने लिखा था, “यह सुनकर हैरान हूं कि क्रिसमस पर, केंद्रीय मंत्रालय ने भारत में मदर टेरेसा की मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया! उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाओं के बिना छोड़ दिया गया है। तथापि कानून सर्वोपरि है, मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।''
ममता ही नहीं, कुछ ऐसे ही फर्जी दावे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प. बंगाल सचिव तथा विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्रा ने भी किए थे। उनका कहना था कि 'बैंक खातों के साथ, सरकार ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के हाथों में जो नकदी थी वह भी फ्रीज कर दी थी'। प. बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता शुवेन्दु अधिकारी ने ममता बनर्जी से ऐसी अनैतिकता दर्शाने और झूठी बातें फैलाने के अपराध पर देश से माफी मांगने को कहा है।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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