उत्तराखंड और राष्ट्रीय राजनीति में चार दिनों तक सरगर्मियां बटोरने के बाद कांग्रेस नेता हरीश रावत को हाई कमान ने बता दिया आपकी अगुवाई में चुनाव तो होगा, लेकिन पार्टी ही चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री तय करेगी। उत्तराखंड कांग्रेस की दबदबे की राजनीति के लिए ट्विटर पर हलचल पैदा करने में माहिर हरीश रावत को दिल्ली बुलाकर हाई कमान ने उनकी सीमाएं तय कर दी।
राहुल गांधी से मिलने पहुंचे हरीश रावत सहित अन्य नेताओं को फरमान सुना दिया गया कि जैसे तय हुआ था कि कांग्रेस हरीश रावत की अगुवाई में चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस यदि चुनाव जीतकर आती है तो कांग्रेस विधायक अपना मुख्यमंत्री चुनेंगे। पिछले कई दिनों से हरीश रावत हाई कमान से पार्टी के राज्य प्रभारी देवेन्द्र यादव को लेकर इशारों इशारों में नाराजगी जाहिर कर रहे थे। उनके समर्थकों ने एक तरह से बगावत के तेवर अपना लिए थे।
खबर है कि कांग्रेस हाई कमान ने पार्टी को एकता सूत्र में बांधते हुए टिकट वितरण की जिम्मेदारी अपने पास रख ली है और सभी गुटों को कायदे से समझा कर वापस देहरादून भेज दिया है। उत्तराखंड कांग्रेस में इस समय नेता प्रतिपक्ष और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का दबदबा है, जिसकी वजह से हरीश रावत को अपना राजनीतिक वजूद खतरे में पड़ता दिखाई दिया। इसके बाद से वो ट्विटर पर सक्रिय होकर अपनी नाराजगी जाहिर करने लगे। हरीश रावत को मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाये जाने पर प्रीतम सिंह गुट की जीत बताया जा रहा है।
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