गत 12 दिसंबर को बांसवाड़ा के पाटीदार छात्रावास में कुटुंब प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें लगभग 200 परिवारों ने भाग लिया। इस अवसर पर रा.स्व. संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री नंदलाल ने कहा कि सुखी होना चाहते हैं तो प्राचीन भारतीय परिवार व्यवस्था को देखना चाहिए।
भौतिक साधनों से सुख की चाह ही गलत है। सुख संबंधों को जीने से मिलता है। कुछ लोगों को इकट्ठा करने से परिवार नहीं बनता। परिवार रिश्तों से बनता है, गहरे संबंध और संस्कारों का नाम ही परिवार है।
परिवार बहुत मूल्यवान इकाई है। ईश्वर ने संसार की रचना के साथ ही विचार व कपना की शक्ति का सामर्थ्य केवल मनुष्य को दिया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने ही वसुधैव कुटुम्बकम् यानी पूरी वसुधा एक परिवार है, का संदेश दिया। जन्म देने वाली मां पूजनीय है, परंतु धरती मां, तुलसी मां, गंगा मां और गो माता का महत्व भी उतना ही है। इस अवसर पर अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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