मेरठ में लगे 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग का समापन 10 दिसंबर को हो गया। समापन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख श्री रामलाल ने कहा कि स्वयंसेवक का आचरण ही संघ की पहचान है। समाज में भाषा, प्रांत, जाति आदि अनेक भेद हैं, परंतु संघ में इनका कोई स्थान नहीं है।
सभी स्वयंसेवक केवल एक भाव को लेकर चलते हैं। वह है भारत माता की जय। राष्ट्र प्रथम और राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए स्वयंसेवक अपना सब कुछ समर्पित करता है। यही भाव जगाने के लिए इन प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन होता है।
श्री रामलाल ने कहा कि दुनिया ने दुनिया को व्यापार समझा, परंतु भारत ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना दी और इसलिए हमारी सभी को सुखी देखने की भावना रही। यही विचार हिंदुत्व का विचार है और इस राष्ट्र की पहचान है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी संत श्रीज्ञानदास महाराज ने कहा कि आज हिंदू समाज को सभी भेदों से ऊपर उठकर संगठित एवं शक्तिशाली होने की आवश्यकता है। मंच पर वर्गाधिकारी श्री दिनेश कुमार, प्रांत संघचालक श्री प्रेमचन्द और क्षेत्र संघचालक श्री सूर्यप्रकाश टोंक भी उपस्थित थे।
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