देहरादून में कड़ाके की ठंड के बीच कांग्रेस की राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार रात अपने घर में उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं से मुलाकात करके कांग्रेस हाई कमान को ये इशारा किया कि उनकी नहीं सुनेंगे तो उक्रांद का दामन थाम लेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत दिल्ली और उत्तराखंड में अपनी गिरती साख से व्यथित हैं। हाई कमान ने उत्तराखंड में चुनाव की जिम्मेदारी देवेन्द्र यादव को सौंप रखी है, जो यहां की राजनीति में कांग्रेस को नए चेहरों के साथ फिर से स्थापित करने में लगे हैं। उनकी राह में हरीश रावत रोड़े अटका रहे हैं। जबकि हरीश रावत, देवेन्द्र यादव की राह का पत्थर बन गए हैं।
राहुल गांधी की रैली में हरीश रावत को जैसे ही किनारे किया गया और अब टिकट बंटवारे में उनके समर्थकों का पत्ता साफ होता दिख रहा है। इस खबर की भनक लगते ही हरीश रावत ने ट्विटर पर अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। उनके समर्थक भी देवेन्द्र यादव के ऊपर खुले आरोप लगाने शुरू कर दिए। देवेन्द्र यादव के साथ चारों कार्यकारी अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और जिलों के अध्यक्ष खड़े हुए हैं, जो नहीं चाहते कि हरीश रावत मुख्यमंत्री पद का कांग्रेस पार्टी का चेहरा बनें, जबकिं हरीश रावत ने खुद ही अपने आप को सीएम पद का चेहरा घोषित करने का मीडिया अभियान शुरू कर दिया था, जिस पर देवेन्द्र यादव को कहना पड़ा कि कांग्रेस उत्तराखंड में बिना चेहरे के चुनाव लड़ेगी। हरीश रावत हाई कमान पर पहले भी दबाव बनाते रहे हैं, वो एक बार फिर ऐसा करके अपने समर्थकों के लिए टिकट चाहते हैं, लेकिन पार्टी हाई कमान इस बार भाव नहीं दे रही।
कांग्रेस के अंदरूनी घमासान का सीधे सीधे फायदा बीजेपी को मिल रहा है। राजनीतिक समीक्षक मनमोहन भट्ट कहते हैं कि हरीश रावत की राजनीति अपनों से दगा करने की रही है, यही वजह है कि वो अब कांग्रेस में मजबूत नहीं रहे। उनके विरोधी इस वक्त ज्यादा प्रबल हो गए हैं। पत्रकार योगेश राणा कहते हैं कि असम, पंजाब के बाद अब उत्तराखंड में कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील हरीश रावत ठोकने में लगे हैं। राजनीति के जानकार अरविंद मलिक कहते हैं कि हर विधानसभा सीट पर हरीश रावत ने अपनी समानांतर दावेदार, जिताओ दावेदार के समकक्ष खड़ा कर कांग्रेस को अंदरूनी गुटबाजी में परिवर्तित कर दिया है। बहरहाल आज दिल्ली में पार्टी हाई कमान ने तमाम वरिष्ठ नेताओं को तलब किया है, जहां इस राजनीतिक संकट से उबरने के लिए कांग्रेस माथा पच्ची करेगी।
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