23 दिसंबर 1995 को हरियाणा के डबवाली के एक स्कूल में हुए अग्निकांड ने पूरे देश को सन्न कर दिया था। इस भयावह घटना को कभी भूला नहीं जा सकता। हालांकि कोई इसे याद नहीं करना चाहता। इस खौफनाक अग्निकांड ने महज 7 मिनट में 442 लोगों की जान ले ली। शवों के इतने ढेर के सामने श्मशान छोटा पड़ गया और खेतों में अंतिम संस्कार किया गया।
घटना वाले दिन डबवाली के डीएवी स्कूल में सालाना उत्सव मनाया जा रहा था। दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर पंडाल के गेट पर शॉर्ट सर्किट से आग लगी जो पूरे पंडाल में फैल गयी। पंडाल में बैठे लोगों को न मौका मिला न रास्ता।
पंडाल के पास ही खाना बनाने के लिए रखे गए गैस सिलेंडर और जेनरेटर में भी लगी आग ने इसे विकराल रूप दे दिया। चीख-पुकार, चीत्कार, बदहवासी और सबकुछ खाक। 1 बजकर 47 मिनट तक महज सात मिनट में पूरा पंडाल लाशों के ढेर में बदल गया। मरने वालों में 258 बच्चे और 135 महिलाएं भी थीं। लगभग 150 लोग घायल हुए। बड़ी संख्या ऐसे घायलों की है, जो स्थायी तौर पर दिव्यांग हो गए। इसे देश के सबसे भयावह अग्निकांडों में गिना जाता है।
अन्य अहम घटनाएंः
- 1845 – जाने-माने राजनीतिज्ञ और अधिवक्ता रासबिहारी बोस का जन्म।
- 1865 – स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य रहे स्वामी सारदानंद का जन्म।
- 1899 – सुप्रसिद्ध उपन्यासकार व पत्रकार रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म।
- 1902 – भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह का जन्म।
- 1926 – सुप्रसिद्ध समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी स्वामी श्रद्धानंद का बलिदान दिवस।
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