जर्मनी के क्रिस मुलर को भारत इतना भाया कि उन्होंने केवल यहां की ज्ञान परंपरा और रीति-रिवाज को ही नहीं अपनाया, बल्कि से अपना आध्यात्मिक घर भी बना लिया। यहीं पर रूस की जूलिया उख्वाकातिना के साथ उन्होंने पूरे वैदिक मंत्रोच्चार और हिंदू रीति-रिवाज से विवाह किया। गुजरात के एक हिंदू दंपती ने माता-पिता की भूमिका निभाते हुए विवाह की रस्मेंं पूरी कीं। गुजरात के हिम्मतनगर के सरोदिया गांव में विदेशी युगल द्वारा हिंदू रीति-रिवाज से विवाह आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है।
जर्मनी में क्रिस का जीवन विलासिता से भरा था। उनके पास स्वैंकी स्पोवर्ट्स कार थी। बेहतरीन होटलों में खाना और आलीशान घर में रहना उन्हें पसंद था। लेकिन आध्यात्मिक जीवन की खोज में उन्होंने एक झटके में ही विलासिता का जीवन त्याग दिया। अपनी पसंदीदा स्पोर्ट्स कार भी बेच दी और अध्यात्मर व शांति की तलाश में भटकने लगे। इस क्रम में उन्होंने दुनिया के लगभग सभी महाद्वीपों का भ्रमण किया। दुनिया घूमने के क्रम में ही वियतनाम में उनकी मुलाकात जूलिया उख्वाकातिना से हुई थी, जो रूस के एक स्कूल में पढ़ाती थीं। लेकिन क्रिस को जिस चीज की तलाश थी, वह 2019 में भारत में पूरी हुई। यहां उन्हें गुरु मिल गए। यहां उनकी मुलाकात हिम्मतनगर के सरोदिया गांव के लालाभाई पटेल से हुई। क्रिस और जूलिया, दोनों लालाभाई पटेल के गांव गए। दोनों को उस जगह और वहां के लोगों से प्रेम हो गया। क्रिस को यहां अपना घर जैसा माहौल मिला।
क्रिस भारत को अपना आध्यात्मिक घर मानते हैं। इसलिए दोनों ने यहीं हिंदू रीति-रिवाज से विवाह करने की योजना बनाई। 19 दिसंबर को क्रिस और जूलिया परिणय सूत्र में बंध गए। कोरोना के कारण जारी प्रतिबंधों के कारण वर-वधू के माता-पिता विवाह में शामिल नहीं हो सके। लिहाजा, विवाह की सारी रस्में लालाभाई पटेल और उनकी पत्नी ने निभाई। बाकायदा बारात सिरोदिया के पास स्थित एक गांव तक गई, जहां ग्रामीणों ने बारातियों का सत्कार किया। दोनों ने गणेश पूजा, हल्दी समारोह और सप्तपदी सहित अन्य अनुष्ठानों का पालन किया और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच परिणय सूत्र में बंध गए। यही नहीं, नवदंपती ने गरबा किया और चरण स्पर्श कर बुजुर्गों के आशीर्वाद भी लिए। क्रिस कहते हैं कि भौतिक दृष्टि से भारत भले ही पश्चिम के अन्य देशों की तरह विकसित न हो, लेकिन आध्यात्मिक मामले में यह पूरी तरह विकसित है।
मुलर और जूलिया बीते तीन साल से भारत में रह रहे हैं। वर्तमान में मुलर स्पिरैटियो यूजी और इनर लिविंग प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ और संस्थापक हैं, जो व्यक्तिगत विकास और आंतरिक विकास पर परामर्श और कोचिंग प्रदान करते हैं। वह सांस लेने की तकनीक पर सेमिनार और कार्यशालाएं भी आयोजित करते हैं। जूलिया भी योग में विशेषज्ञ हैं।
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