अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब में बेअदबी की घटना के बाद पंजाब सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इसमें केंद्र सरकार से पंजाब सरकार द्वारा पारित उस कानून को मंजूरी देने की मांग की गई है, धार्मिक-पांथिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों को उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। यह कानून राष्ट्रपति के पास लंबित है।
पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा, जिनके पास गृह विभाग का प्रभार भी है, ने केंद्रीय गृह मंत्री को यह पत्र 20 दिसंबर को लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि पंजाब में पवित्र ग्रंथों की बेअदबी बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। सिख श्री गुरु ग्रंथ साहिब को जीवित गुरु मानते हैं, न कि एक वस्तु। इसलिए सिख मर्यादा के अनुसार ही उनका सम्मान और सत्कार किया जाता है। इसी को देखते हुए यह महसूस किया गया कि भारतीय दंड संहित-1860 की मौजूदा धाराओं 295 और 295ए में केवल तीन साल की सजा का प्रावधान है, जो बेअदबी की घटनाओं से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए राज्य विधानसभा ने भारतीय दंड संहिता (IPC) पंजाब संशोधन विधेयक-2018 और दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) पंजाब संशोधन विधेयक पारित किया था। इसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब के साथ श्रीमद्भगवद् गीता, कुरान और बाइबिल के अपमान पर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इन दोनों विधेयकों को राज्यपाल ने 12 अगस्त, 2018 को मंजूरी दी थी। इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया था, जो अक्तूबर 2018 से मंजूरी के लिए लंबित है।
रंधावा ने यह भी कहा है कि सीमाई राज्यु होने के कारण पंजाब में आपसी भाईचारा बनाए रखना बहुत आवश्यPक है। इसलिए यह जरूरी है कि बेअदबी के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों को सख्त सजा दी जाए।
टिप्पणियाँ