इस समय झारखंड सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सरकार में शामिल दलों के नेता ही मंत्रियों को लेकर ऐसी—ऐसी बातें कर रहे हैं कि पूछिए मत। झामुमो के नेता कांग्रेसी मंत्रियों की खिंचाई करते हैं, तो कांग्रेस के विधायक झामुमो के कोटे से बने मंत्रियों को लेकर बयानबाजी करते हैं। उल्लेखनीय है कि जामताड़ा से कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने कहा है कि सरकार बता रही है कि राज्य में कोरोना से 5,142 लोगों की मौत हुई है, जबकि केवल जामताड़ा में ही करीब 3,000 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टरों ने अधिकतर लोगों की मौत का कारण कोरोना की जगह कुछ और बताया है। अंसारी इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना से मरने वालों को सिर्फ 50,000 रु. मुआवजे के तौर पर दिया जा रहा है जो बहुत कम है, जबकि बगल के राज्य बिहार में ऐसे लोगों को 4,00,000 रु. का मुआवजा दिया जा रहा है।
झारखंड सरकार में दलों के नेता ही मंत्रियों को लेकर बयानबाजी
- 5,142 लोगों की राज्य में कोरोना से मौत हुई
- 3,000 लोगों की मौत हुई जामताड़ा में ही करीब
- 50,000 रु.का मुआवजे के तौर पर दिया जा रहा है जो बहुत कम है,
- 4,00,000 रु. का राज्य बिहार में ऐसे लोगों को मुआवजा दिया जा रहा
आपको बता दें कि झारखंड में झामुमो और कांग्रेस गठबंधन की सरकार चल रही है। स्वास्थ्य मंत्री कांग्रेस के बन्ना गुप्ता हैं। इरफान के बयान के बाद बन्ना गुप्ता ने कहा है कि अगर कोई यह दावा करता है कि उनके परिजनों की मौत कोरोना से हुई है तो संबंधित जिले के उपायुक्त के यहां आवेदन दे।
उक्त बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि झारखंड सरकार के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अपनी ही सरकार के खिलाफ उनके विधायकों द्वारा इस तरह से सवाल उठाना कहीं ना कहीं सरकार की विफलता की ओर इशारा कर रहा है। इस पूरे मामले पर बोकारो से भाजपा विधायक बिरंचि नारायण ने कहा है कि भाजपा शुरू से ही यह बताती रही है कि झारखंड सरकार अपनी जनता के प्रति घोर लापरवाही बरत रही है, लेकिन सरकार को भ्रष्टाचार और अवैध कारोबार से फुर्सत मिले तब जाकर जनता की ओर ध्यान दे पाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि एक तरफ पूरे झारखंड में कोरोना जांच की मशीन की कमी है। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। चिकित्सकों को समय पर वेतन नहीं दिया जाता है। चिकित्सीय सुविधाओं में भी घोर अनियमितता देखने को मिलती रही है। ऐसे में कई लोगों की मौत हुई है, फिर भी सरकार आंकड़े छुपा कर अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रही है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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