विक्रम सिंह
ऋषिकेश में माधव आश्रम की पुण्यतिथि पर गुरु पूजन के लिए आए ट्रस्टी को जान से मारने की नीयत से चाकू से हमला कर गंभीर रूप से घायल करने के मामले में न्यायालय ने चार आरोपियों को तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
इस मामले में शंभू प्रसाद नंबूदरि पुत्र स्वर्गीय माणिक चंद निवासी जोशीमठ सिंहधार चमोली गढ़वाल ने ऋषिकेश कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी। जिसमें उन्होंने बताया कि वह जनार्दन आश्रम दंडीबाड़ा मायाकुंड ऋषिकेश में माधवाश्रम के समाधि स्थल पर गुरु पूजन के लिए आए थे। 16 जुलाई 2019 को आश्रम में उपेंद्र नाम का व्यक्ति अपने तीन अन्य साथियों संदीप शर्मा, रजत शर्मा तथा शुभम शर्मा के साथ ठहरा हुआ था। उन्होंने बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन 17 जुलाई को सुबह 10:00 बजे उपेंद्र ने आश्रम में गाली गलौज करनी शुरू कर दी। शोरगुल सुनकर आश्रम के प्रबंधक संतोष उर्फ केशव स्वरूप ब्रह्मचारी उपेंद्र को समझाने पहुंचे। मगर, उपेंद्र ने उत्तेजित होकर अपने बैग से चाकू निकाला और संतोष उर्फ केशव स्वरूप ब्रह्मचारी को धमकाने लगा। इसी बीच ट्रस्टी विजय स्वरूप उर्फ स्वामी विज्ञानानंद उपेंद्र को समझाने के लिए आगे आए। उपेंद्र व उसके तीन साथियों ने ट्रस्टी विजय स्वरूप उर्फ स्वामी विज्ञानानंद पर चाकू से हमला कर दिया। उनके सिर, मुंह तथा पेट पर वार किए गए, जिससे वह फर्श पर ही गिरकर बेहोश हो गए। विजय स्वरूप उर्फ स्वामी विज्ञानानंद को गंभीर अवस्था में एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया।
इस मामले में कोतवाली पुलिस ने उपेंद्र पुत्र केवलाराम निवासी सपहा, तहसील पूरनपुर जिला पीलीभीत उत्तर प्रदेश, संदीप शर्मा पुत्र नरेश कुमार निवासी भुढगढ़ जिला यमुनानगर हरियाणा, रजत शर्मा पुत्र राजीव शर्मा निवासी उतरक्षेणी बीसातगंज, बरेली उत्तर प्रदेश तथा शुभम शर्मा पुत्र राजकुमार शर्मा निवासी ग्राम रटोली जगाधरी, यमुनानगर हरियाणा के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने आवश्यक जांच के बाद चार्जसीट न्यायालय में दाखिल कर दी थी। जिसके बाद यह मामला प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ऋषिकेश धर्म सिंह की अदालत में विचाराधीन था।
शुक्रवार को इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्म सिंह की अदालत ने चारों आरोपी उपेंद्र, संदीप शर्मा, रजत शर्मा तथा शुभम शर्मा को दोषी पाते हुए जानलेवा हमला करने के आरोप में चार-चार वर्ष का कठोर कारावास तथा पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं, आरोपी उपेंद्र को न्यायालय ने आयुध अधिनियम में तीन माह के साधारण कारावास से भी दंडित किया है।
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