दो दिन पहले झारखंड की राजधानी रांची से कुछ ही दूरी पर स्थित खलारी में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता 38 वर्षीय मुकेश सोनी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुकेश सोनी मैक्लुस्कीगंज में आभूषण की दुकान चलाते थे। 15 दिसंबर की शाम को वे दुकान बंद कर खलारी लौट रहे थे, तभी घात लगाए अपराधी उन पर गोली चलाकर फरार हो गए। बताया जा रहा है कि एक वर्ष पहले मुकेश के पास विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष का दायित्व था, उस समय उन्होंने श्मशान घाट पर अवैध निर्माण करने के विरुद्ध आवाज उठाई थी। वह निर्माण यूनुस अंसारी और प्रिंस खान करवा रहे थे। उस समय मुकेश का झगड़ा यूनुस और प्रिंस से हुआ था। मुकेश के पिता कालीचरण सोनी ने थाने में आवेदन देते हुए कहा है कि एक साल पहले 4 सितंबर, 2020 को हिंदुओं के श्मशान घाट पर अवैध निर्माण कर रहे यूनुस अंसारी और प्रिंस खान से मुकेश सोनी का विवाद हुआ था। इसके बाद इन लोगों ने मुकेश के विरुद्ध एक मामला भी दर्ज करवाया था। मुकेश के पिता ने यह भी आरोप लगाया है कि खलारी थाना प्रभारी फरीद आलम को सारी घटना की जानकारी थी। इसके बावजूद उन्होंने अपराधियों का साथ दिया है। इसलिए विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने फरीद आलम को बर्खास्त करने की मांग की है।
मुकेश की हत्या के मामले में प्रशासनिक लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका था। घटना से आक्रोशित लोग हत्यारों की गिरफ्तारी और खलारी के थाना प्रभारी फरीद आलम के निलंबन की मांग को लेकर सड़कों पर उतर गए। घटना के 18 घंटे के बाद ग्रामीण एसपी नौशाद आलम धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने आश्वासन दिया है कि खलारी थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया जाएगा और अपराधियों की जल्दी गिरफ्तारी की जाएगी।
हालांकि इस हत्याकांड का मामला अब विधानसभा तक पहुंच गया है। कांके से भाजपा विधायक समरी लाल विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए और उन्होंने मांग की है कि अपराधियों को जल्दी से जल्दी पकड़ा जाए।
यही नहीं, रांची से भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा है कि झारखंड को केरल और पश्चिम बंगाल बनाने की तैयारी चल रही है। इस सरकार में अपराध और अपराधी दोनों बेलगाम हो चुके हैं। इनके निशाने पर भाजपा और संघ विचार परिवार के ही कार्यकर्ता हैं। उन्होंने इन सारी घटनाओं को सत्ता प्रायोजित बताया है।
भाजपा सांसद की बात में सचाई भी दिख रही है। तकरीबन एक महीने पहले भाजपा युवा मोर्चा, पलामू जिले के कोषाध्यक्ष सुमित श्रीवास्तव की निर्मम हत्या कर दी गई थी। सुमित श्रीवास्तव सिर्फ 25 वर्ष के थे। उनका शव डाल्टनगंज—औरंगाबाद मुख्य पथ पर 14 नवंबर की सुबह उनकी कार से मिला था। पुलिस के अनुसार सुमित की हत्या बड़े ही सुनियोजित तरीके से की गई थी। वहीं 13 नवंबर को पश्चिम सिंहभूम जिले के नोवामुंडी प्रखंड के भाजयुमो के कोषाध्यक्ष गणेश दास (28 वर्ष) का शव रेलवे पटरी के किनारे से मिला था। गणेश दास के सिर के पिछले हिस्से और चेहरे पर जख्म के निशान हैं। परिजनों ने घटना को रेल दुर्घटना नहीं ,बल्कि सोची—समझी साजिश बताते हुए हत्या की आशंका जतायी है। 22 सितंबर को रांची के ओरमांझी में पुतला दहन कार्यक्रम से लौट रहे भाजपा नेता जीतराम मुंडा की हत्या घात लगाए अपराधियों ने कर दी थी। इससे पहले 21 जुलाई को जमशेदपुर में भाजपा नेता प्रकाश यादव की हत्या कर दी गई थी और 5 जुलाई को भाजपा के लातेहार जिला मंत्री जयवर्धन सिंह की अपराधियों ने हत्या कर दी थी।
भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री और रांची की महापौर आशा लकड़ा ने कहा कि झारखंड के अंदर एक के बाद एक भाजपा नेता और हिंदू कार्यकर्ता अपराधियों के निशाने पर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की गिरती कानून—व्यवस्था हेमंत सरकार के लिए शुभ संकेत नहीं है। पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं की हत्या के बाद अब झारखंड में भी भाजपा नेताओं के साथ खूनी खेल खेला जा रहा है।
अगर अब भी झारखंड सरकार इन मामलों को गंभीरता से नहीं लेती है तो वह दिन दूर नहीं जब झारखंड की तुलना केरल और बंगाल से की जाने लगेगी।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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