देहरादून में राहुल गांधी के कटआउट के बराबर में जनरल बिपिन रावत का वर्दी में कटआउट लगा देखकर हर किसी की निगाहें उस ओर गईं, लेकिन ध्यान में वो बात भी आई जब कुछ ही वक्त पहले जनरल बिपिन रावत को सड़क का गुंडा कहा था। सीकर दांतारामगढ़ के कांग्रेस के विधायक ने भी जनरल बिपिन रावत के लिए अपमानजनक टिप्पणी की।
कांग्रेस पार्टी ने देहरादून में अपनी जनसभा में जनरल बिपिन रावत का बड़ा सा कट-आउट प्रमुखता से लगाया था। कल तक जनरल रावत को सड़क का गुंडा और मोदी का चमचा बताने वाले नेता जनरल रावत को श्रद्धांजलि देते नजर आए और सियासी फायदे के लिए ये नेता क्या-क्या नहीं कहते दिखे। राहुल गांधी ये बात भी भूल गए कि उन्होंने जनरल बिपिन रावत से राफेल को लेकर कई आपत्तिजनक सवाल भी पूछे थे। वो पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने राष्ट्र हित के विपरीत जाकर सवाल पूछे और उन्हें सुप्रीम कोर्ट से फटकार भी खानी पड़ी थी।
राहुल गांधी विजय दिवस की रैली में 71 के युद्ध के नायक फील्ड मार्शल सैम मानेकशां को भूल गए। उल्लेखनीय है कि मानेकशां ने ही बंग्लादेश को आज़ाद कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी बाद में इंदिरा गांधी से उनके मतभेद हुए थे। सियासी फायदे के लिए कांग्रेस ने अपने पोस्टर ब्वॉय राहुल गांधी के साथ उनकी दादी इंदिरा गांधी की तस्वीर लगाई, लेकिन नेहरू और पिता राजीव गांधी की तस्वीरों को भी भुला बैठे।
हादसे में बलिदान पर सियासत शुरू
उधर सीकर के दांतारामगढ़ से कांग्रेस विधायक वीरेंद्र सिंह ने जनरल बिपिन रावत के बलिदान को उत्तराखंड चुनाव से जोड़ते हुए इसके पीछे राजनीतिक षड्यंत्र की आशंका जता दी। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अभी उत्तराखंड में चुनाव होने वाले हैं और बिपिन रावत शहीद हो गए…अजीब संयोग है ये।
विधायक वीरेंद्र सिंह के इस बयान के बाद कांग्रेस का सेना के प्रति सम्मान का असली चेहरा सामने आ गया।
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