आलोक गोस्वामी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने बांग्लादेश दौरे के आखिरी दिन आज उस ऐतिहासिक रमना काली मंदिर को लोकार्पित करेंगे जिसे 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान की क्रूर सेना ने ध्वस्त कर दिया था। इस मंदिर को वहां की सरकार ने भारत के सहयोग से पुन: वही भव्य रूप दिया है। यह वही मंदिर है जो पाकिस्तानी सैनिकों के इस पर चढ़ाई के वक्त भयानक नरसंहार का साक्षी रहा है। पाकिस्तान की सेना ने 1971 के युद्ध के दौरान जब इस मंदिर में पैर रखा था तब करीब 100 श्रद्धालु वहां पूजा—अर्चना कर रहे थे, क्रूर इस्लामी सैनिकों ने उन्हें यहीं मौत के घाट उतार दिया था।
उल्लेखनीय है कि 50 वर्ष पहले हुए 1971 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई में पाकिस्तान की जबरदस्त हार हुई थी और बांग्लादेश की नींव पड़ी थी। वहां के कट्टरपंथी मजहबियों को छोड़कर अधिकांश बांग्लादेशी आज भी इसके लिए भारत का गौरवगान करते हैं। भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि नए रूप में बनकर तैयार हुए इस सुप्रसिद्ध श्रद्धा केन्द्र रमना काली मंदिर के लोकार्पण का क्षण दोनों देशों के श्रद्धालुओं को भावुक करने वाला होगा। बता दें कि राष्ट्रपति कोविन्द तीन दिन की बांग्लादेश यात्रा पर हैं। आज उनकी यात्रा का आखिरी दिन है।
1971 में पाकिस्तानी सेना के आपरेशन सर्चलाइट के दौरान इस भव्य मंदिर में जबरदस्त तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने वहां मौजूद सभी श्रद्धालुओं तथा मंदिर के पुजारियों की हत्या कर दी थी। मंदिर में रहने वाले सेवकों को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने नहीं छोड़ा था। पाकिस्तानी सेना किसी भी तरह पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में विरोधी ताकतों को नेस्तोनाबूद कर देना चाहती थी, क्योंकि उसके अनुसार ये ही ताकतें थीं जो पूर्वी पाकिस्तान में उसके राज का विरोध करती थीं। बताया गया है कि भारत ने इस मंदिर के पुनर्निर्माण में सहयोग किया है। बांग्लादेश की मौजूदा 17 करोड़ की जनसंख्या में हिंदुओं की आबादी लगभग दस प्रतिशत है।
1971 में पाकिस्तानी सेना के आपरेशन सर्चलाइट के दौरान इस भव्य मंदिर में जबरदस्त तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। उस वक्त मंदिर में करीब 100 श्रद्धालु वहां पूजा-अर्चना कर रहे थे, क्रूर इस्लामी सैनिकों ने उन्हें यहीं मौत के घाट उतार दिया था। मंदिर में रहने वाले सेवकों को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने नहीं छोड़ा था।
राष्ट्रपति कोविंद ने बांग्लादेश में 16 दिसम्बर को ढाका के परेड ग्राउंड में आयोजित विजय दिवस परेड में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। इस परेड में बांग्लादेश ने हथियारों तथा रक्षा उपकरणों का प्रदर्शन किया। वायुसेना के विमानों ने आकाश में कलाबाजियां दिखाईं। इस अवसर पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम अब्दुल हमीद, प्रधानमंत्री शेख हसीना व केन्द्रीय मंत्री मौजूद थे। इस कार्यक्रम में भारतीय सेना बैंड सहित भारत की तीनों सेनाओं के 122 सदस्यीय दल ने भी भाग लिया।
ढाका स्थित प्राचीन रमना काली मंदिर नि:संदेह भारतीय और बांग्लादेश के श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है। दुर्गापूजा के अवसर पर यहां विशेष समारोह आयोजित होता है। पूजा पंडाल सजाया जाता है। मंदिर में मां काली की भव्य प्रतिमा का मनोहारी दर्शन है।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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