देहरादून ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से निर्यात की तैयारी, रक्षा मंत्रालय की बदली नीतियों का दिखने लगा असर

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उत्तराखंड ब्यूरो
देहरादून में आजादी से पहले से स्थापित रक्षा मंत्रालय की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से उपकरणों को निर्यात करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। रक्षा मंत्रालय की नयी नीतियों की वजह से इस फैक्ट्री को नया जीवनदान मिला है। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा देहरादून और चंडीगढ़ की ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को मिलाकर इंडिया आप्टैल लिमिटेड का गठन करने की नीति बनायी गयी थी, जिसके परिणाम आने शुरू हो गए हैं।

देहरादून ऑर्डिनेंस फैक्ट्री और यहीं की आप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री से टी 72 टैंकों, नाइट विजन राइफल्स, राइफल्स के अन्य कलपुर्जों के उत्पादन का काम प्रगति पर है और इनका निर्यात अगले साल मार्च माह से शुरू हो जाएगा। इंडिया आप्टैल लिमिटेड के सीएमडी संजीव कुमार ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट के विशेष प्रयास से रक्षा उत्पाद कंपनियों को नया जीवनदान मिला है।

ये ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां पिछले कई सालों से घाटे में जाकर बंद होने की कगार पर थीं। नई नीति के तहत इन फैक्ट्रियों में नई तकनीक भी लायी गयी है। आधुनिकीकरण हो जाने से हमारी रक्षा जरूरतें पूरी होने के साथ-साथ हम मित्र राष्ट्रों को इन उत्पादों के निर्यात करने की स्थिति पर भी आ गये हैं।

देहरादून ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के महाप्रबंधक दुष्यंत कुमार ने बताया कि मध्य एशिया के देशों में सर्विलांस डिवाइस और अन्य उत्पादों की भारी मांग है। हम अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में लगे हैं। टी 72 टैंकों के कमांडर साइट के निर्यात को हमने शुरू कर दिया है।

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि देश मे मेक इन इंडिया के प्रधानमंत्री मोदी के कॉन्सेप्ट पर रक्षा उत्पादों में हम आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि निर्यातक भी होना चाहते हैं। हमने रक्षा उत्पादन की नीतियों में जो बदलाव किए, उसके परिणाम सामने आने लगे हैं। हमारे रक्षा उत्पाद कारखाने फिर से अपनी क्षमता से चलने लगे हैं।

19 दिसम्बर तक लगी है प्रदर्शनी
देहरादून ऑर्डिनेंस फैक्ट्री परिसर में इंडिया आप्टैल लिमिटेड ने अपने रक्षा उत्पादों की प्रदर्शनी भी इन दिनों लगाई हुई है। यह प्रदर्शनी 19 दिसबर तक लगी रहेगी। इसका वर्चुअल शुभारंभ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया है।

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