सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में बन रही ऑल वेदर रोड की चौड़ाई तीस मीटर करने के केंद्र सरकार के निर्णय पर मुहर लगा दी है। एक एनजीओ की याचिका याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रहित मे चौड़ी सड़कों को सीमाओं तक ले जाना जरूरी है।
ऑल वेदर रोड चारों धामों से होकर चीन सीमा तक जाती है। इसकी चौड़ाई बढ़ाने में बाधक पेड़ों की कटाई करने पर एतराज जताते हुए देहरादून के एक एनजीओ ने याचिका दायर की थी। इस पर सरकार ने पक्ष रखते हुए कहा था कि ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्रों को सीमा तक ले जाने के लिए सड़कों का चौड़ा करना सीमाओं की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने यह दलील भी दी थी कि सीमा के उस पार दुश्मन देश ने रक्षा जरूरतों का बुनियादी ढांचा पहले से ही मजबूत किया हुआ है।
सभी पक्षों को सुनने के बाद आज सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सड़क की एक तरफ की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर की बजाए पहले की तरह दस मीटर रखे जाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा सबसे पहले है। कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश एके सीकरी की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का आदेश भी दिया जोकि पर्यावरण संतुलन के लिए जरूरी उपाय कराने के लिए रक्षा, सड़क परिवहन और उत्तराखंड शासन से वार्ता करती रहेगी और इसमें सभी जिला अधिकारी इसमें सहयोग करेंगे। करीब 900 किमी लंबी और साठ हजार करोड़ की लागत से बन रही ऑल वेदर रोड के काम में अब तेजी आने की उम्मीद है।
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