पंजाब में आतंकवाद और नशाखोरी को बढ़ावा देने के बाद पाकिस्तान अब भारत के सीमावर्ती गांवों में कैंसर फैला रहा है। पाकिस्तान के कसूर जिले की चमड़ा फैक्ट्रियों का कचरा सतलुज नदी में बहाया जा रहा है, जिससे भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो रही हैं।
पाकिस्तान की चमड़ा फैक्ट्रियों से निकलने वाले कचरे से सतलुज का पानी दूषित हो गया है। नदी के दूषित पानी से फिरोजपुर के सीमावर्ती गांवों में 100 फीट गहराई तक भू-जल भी प्रदूषित हो गया है। हैंडपंप से निकलने वाले जहरीले पानी को पीने से लोगों को खाने की नली और पेट का कैंसर हो रहा है। इससे कई लोग असमय काल का शिकार हो गए हैं। सीमावर्ती क्षेत्र के 14 गांव इससे प्रभावित हैं।
गांव जल्लो के की करीब 42 वर्षीय लालो बीबी के पति की कैंसर से मौत हो गई। अपना दर्द बयां करते हुए वह बताती हैं कि मेरे पति एक दिन काम पर गए हुए थे। जब उन्होंने टोकरी उठाई तो गले में खराश महसूस की। उसके बाद उनका इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। शहर के एक डॉक्टर ने बताया कि उनके पति को कैंसर हो गया है। लालो बीबी कहती हैं कि जमीन बेचकर इलाज पर दो लाख खर्च किए, पर पति को बचा नहीं सकीं। पहले उन्होंने संगरूर और बाद राजस्थान से पति का इलाज कराया। पैसों के अभाव में आगे इलाज नहीं करा सकीं। लिहाजा, डॉक्टरों के कहने पर उन्हें घर लाना पड़ा, जहां उनकी मौत हो गई।इसी गांव के 35 वर्षीय काला सिंह और 55 वर्षीय पियारा सिंह की भी कैंसर से मौत हो चुकी है।
पंजाब के सीमावर्ती गांव में किराने की दुकान चलाने वाले तारा सिंह को खाने की नली का कैंसर हुआ है। हाल ही में अमृतसर के एक निजी अस्पताल में उनकी खाने की नली का ऑपरेशन हुआ है। गांव जल्लो के दीवान सिंह बताते हैं कि उनकी 26 वर्षीया पत्नी को भी खाने की नली का कैंसर हो गया था। बठिंडा और अमृतसर के अस्पतालों में उनका इलाज चला। सीमावर्ती क्षेत्र के 14 गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए पंप लगे हुए हैं। गांव के लोगों का कहना है कि इनसे पेयजल की नियमित आपूर्ति नहीं होती है। कभी-कभी तो चार दिन तक पानी नहीं आता है। लाचारी में लोगों को हैंडपंप का जहरीला पानी पीना पड़ता है। परिणामस्वरूप घातक बीमारियों होने का खतरा बना रहता है। इसी गांव के युवा व्यापारी गुरदेव सिंह कहते हैं कि अगर पंप का पानी पीएं तो भी खतरा कम नहीं होता है। भैंसों, गायों और अन्य जानवरों को हैंडपंप का पानी ही दिया जाता है, जो उनके दूध को प्रदूषित कर देता है। इससे बीमारी होने का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं, हैंडपंप के पानी से कपड़े धोने पर सफेद कमीज धीरे-धीरे भूरी हो जाती है। सीमावर्ती गांवों के लोगों ने केन्द्र सरकार से इस समस्या को पाकिस्तान के समक्ष उठाने की मांग की है, ताकि उन्हें प्रदूषित पानी से छुटकारा मिले।
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