भागलपुर में लगातार हो रहे बम धमाकों के बारे में कहा जा रहा है कि इनके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के गुर्गे हैं। 13 दिसंबर को हुए बम धमाके में सात साल के एक बच्चे को अपनी जान गंवानी पड़ी है। यह घटना नाथनगर स्थित चंपा नगर के मकदूम शाह दरगाह घाट पर सुबह 11 बजे हुई। रिपोर्ट के अनुसार चंपा नगर के आनंद कुमार दास का सात वर्षीय पुत्र अमृत अन्य तीन बच्चों के साथ वहां खेल रहा था। खेलने के क्रम में उसे एक नया टिफिन दिखाई दिया। बाल सुलभ प्रवृत्ति में उसने उस टिफिन को उठा लिया। हलचल होते ही टिफिन फट गया। धमाके के बाद बच्चे को तुरंत मायागंज अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। घटना स्थल से दो जिंदा बम भी बरामद हुए हैं।
इससे पहले 11 दिसंबर को नाथ नगर के ही मोमिन टोला और 9 दिसंबर को नाथ नगर रेलवे स्टेशन के पश्चिम केबिन के समीप धमाका हुआ था। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। 11 दिसंबर को मोमिन टोला में हुए धमाके से तीन बच्चे घायल हुए थे।
इन धमाकों को लेकर कई तरह की बातें चल रही हैं। एक बात बहुत ही प्रमुखता से की जा रही है कि इनमें आईएसआई का हाथ है। इस बात में दम भी लग रहा है। उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष 14 सितंबर को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने छह आतंकियों को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से भारी मात्रा में विस्फोटक और उच्च दक्षता वाले हथियार बरामद हुए थे। पकड़े गए आतंकियों में से दो ओसामा और जिसान कमर ने पाकिस्तान में बम बनाने का प्रशिक्षण लिया था।
बाकी चार आतंकियों के नाम थे- मो. अबु बकर, मो. शेख, मो. अमीर जावेद और लाला। ये आतंकी दाउद इब्राहिम के भाई अनीश के इशारे पर श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट करना चाहते थे।
इन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद 18 सितंबर को बिहार में सतर्कता बरतने की सलाह दी गई थी। 13 जिलों के पुलिस अधीक्षक और रेल पुलिस को चैकन्ना रहने की चेतावनी दी गई थी। उस समय इनका उद्देश्य त्योहार के समय आतंक फैलाना था। उन दिनों बिहार में दुर्गापूजा, दीपावली और छठ पूजा की धूम रहती है, लेकिन लगता है कि पुलिस की चौकसी के कारण आतंकवादियों ने उस समय अपने कदम पीछे खींच लिए थे।
लेकिन अब लगता है कि ये आतंकवादी एक बार फिर से हरकत में आ गए हैं। सितंबर महीने में खुफिया रिपोर्ट थी कि आतंकवादी रेलवे की संपत्ति को क्षति पहुंचा सकते हैं। हालांकि भागलपुर के डीआईजी सुजीत कुमार ने इस प्रकार की किसी आशंका से इंकार किया है। लेकिन नाथनगर में रेलवे स्टेशन पर हुए बम विस्फोट के बाद खुफिया रिपोर्ट की एक बार फिर से चर्चा होने लगी है।
वैसे भी भागलपुर अक्सर सुर्खियों में रहता है। 1989 में रामभक्तों पर हमले के बाद भागलपुर दंगे की भेंट चढ़ गया था। लोगों का मानना है कि इस बार आतंकियों ने नए तरीके से भागलपुर को बर्बाद करने की तैयारी की है।
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