बिहार के लोग अब यह महसूस करने लगे हैं कि हैदराबाद वाले ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम राज्य के लोगों के बीच जहर घोलने का काम शुरू कर चुकी है। आपको पता ही है कि हाल ही में बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के समापन पर एआईएमआईएम के विधायकों ने वंदेमातरम् गाने से मना कर दिया था। उनका तर्क है कि संविधान में यह कहीं नहीं लिखा है कि वंदेमातरम् का गायन जरूरी है। इसके बाद से ही बिहार भाजपा के नेता एआईएमआईएम के विधायकों पर हमलावर हैं। पहले भाजपा के अनेक विधायकों और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एआईएमआईएम पर तीखा हमला किया। इसके बाद भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने भी एआईएमआईएम पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि बात-बात में वंदेमातरम् और जन-गण-मन का अपमान करने का चलन बढ़ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान इस देश की अस्मिता का प्रतीक है। इसलिए इससे जिन्नावादी और जिहादी मानसिकता वालों को परेशानी होती है, क्योंकि ये लोग देश को बांटना चाहते हैं।
रंजन ने यह भी कहा कि राष्ट्रगान का अपमान उन सभी स्वतंत्रतासेनानियों का अपमान है, जिन्होंने इससे प्रेरणा लेकर अपने प्राण तक देश को दे दिए। उन्होंने यह भी कहा कि आज जो लोग संविधान की दुहाई देते हुए राष्ट्रगान गाने से मना कर रहे हैं, वे बताएं कि संविधान तो शेरवानी पहनने, अरबी नाम और दाढ़ी रखने के लिए भी नहीं कहता, तो फिर वे इन्हें भी क्यों नहीं छोड़ देते?
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