उत्तर प्रदेश सरकार, बनारस की पंचकोसी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए मंदिरों, कुंडों और यात्री निवास का सौंदर्यीकरण कराएगी। करीब 70 किलोमीटर के इस धार्मिक मार्ग के विकास से रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर उपलब्ध होंगे। इससे वेलनेस सेंटर, रिसार्ट, होटल के अतिरिक्त पर्यटन संबंधित व्यवसाय को गति मिलेगी।
इस धार्मिक मार्ग पर मंदिर, कुंड, तालाब और यात्री निवास स्थित हैं। पंचकोसी परिक्रमा की विशेष बात यह है कि इस यात्रा में सभी धार्मिक स्थल दाहिने तरफ स्थित हैं। पंचकोसी यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए इस धार्मिक मार्ग के सम्पूर्ण विकास की योजना बनाई गई है। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी का कहना है कि पंचकोसी यात्रा को श्रद्धालु नंगे पांव चल कर पूरा करते हैं। इसके पांच पड़ाव हैं- कंदवा, भीमचंडी, रामेश्वर, पांचों पांडव व कपिलधारा। पांच दिन की यात्रा में एक-एक रात्रि विश्राम का विधान है।
पड़ाव में हैं 108 मुख्य मंदिर, 44 धर्मशाला और कुंड
वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि इस प्रदक्षिणा यात्रा के पड़ाव में 108 मुख्य मंदिर, 44 धर्मशाला और कुंड स्थित हैं। कुओं और चौपाल का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। पड़ाव में ऐतिहासिक महत्व के सभी कुंडों का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। मंदिरों के आस-पास अस्थायी आश्रय या बैठने की सुविधा होगी।
इस योजना पर खर्च होंगे 55.93 करोड़ रुपये
पंचकोसी मार्ग पर जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उनकी पूरी जानकारी पंचकोसी मार्ग पर उपलब्ध होगी। दूसरे राज्य या जनपद से आने वाले श्रद्धालुओं को वाराणसी में आते ही पंचकोसी मार्ग की जानकारी रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप समेत कई जगह पर मिलेगी। राज्य पुरातत्व विभाग के माध्यम से उच्च स्थापत्य और पुरातात्विक मूल्य वाले सभी मंदिरों के संरक्षण की पहल की जाएगी। जानकारी के अनुसार इस योजना के लिए शासन को डीपीआर भेजा जा चुका है। अनुमति मिलते ही कार्य शुरू कराया जाएगा। यह योजना तीन चरणों में पूरी होगी। इस योजना पर 55.93 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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