चारधाम सहित 51 मंदिरों के प्रबन्धन को लेकर बनाए गए देवस्थानम बोर्ड को धामी सरकार ने समाप्त कर दिया। पिछली त्रिवेन्द्र सरकार के समय बनाए गए इस बोर्ड के विरोध में चार धामों के तीर्थ पुरोहित और संत समाज आंदोलन कर रहा था। उनका कहना था कि देवस्थानम बोर्ड की वजह से उनके हक-हकूक के अधिकार छीने जा रहे थे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जब केदारनाथ आये तब तीर्थ पुरोहित समाज के एक शिष्टमंडल ने उनसे भेंट कर अपनी पीड़ा जाहिर की थी और उन्हें एक मांग पत्र सौंपकर इस पर विचार करने को कहा था। पीएम मोदी ने अपने दौरे के बाद इस बारे में राज्य सरकार और संगठन के साथ चर्चा की थी। उसी के बाद यह विवाद सुलझने की प्रक्रिया शुरू हो पाई।
इस मुद्दे पर कांग्रेस और AAP कर रही थी राजनीति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ पुरोहित समाज के विरोध और इस मुद्दे पर विपक्ष की राजनीति को देखते हुए, देवस्थानम बोर्ड को समाप्त करने की घोषणा कर दी। इस मुद्दे पर सरकार द्वारा बनाई गई समिति और उसके बाद मंत्री मंडल की उपसमिति की रिपोर्ट के आधार और सीएम की घोषणा हुई। अभी इसे कैबिनेट फिर विधानसभा में वापस होना है। इस निर्णय से विपक्ष के हाथ से एक मुद्दा भी छिन गया। तीर्थ पुरोहितों के इस आंदोलन को बीजेपी के राज्य सभा सदस्य डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने समर्थन देते हुए सुप्रीम कोर्ट तक इसकी लड़ाई लड़ी थी। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि मंदिरों, मठों से सरकार के हस्तक्षेप समाप्त होने चाहिए।
धामी सरकार ने नेक काम किया
अखाड़ा परिषद के प्रमुख रविन्द्र पुरी ने कहा कि धामी सरकार ने नेक काम किया है वो तीर्थ पुरोहितों के श्राप से बच गई। अखाड़ा परिषद् के महामंत्री महंत हरिगिरी आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द महाराज आदि ने भेंट कर देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड को वापस लेने के फैसले का स्वागत किया। मुख्यमंत्री से चार धाम तीर्थ पुरोहित, हक हकूक धारी महापंचायत, रावल, पंडा समाज के साथ ही बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री मंदिर से जुड़े लोगों ने बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री आवास स्थित कार्यालय सभागार में मुख्यमंत्री का परम्परागत ढंग से स्वागत कर उनका आभार व्यक्त किया। सभी ने मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए इस निर्णय को एतिहासिक एवं तीर्थ स्थलों के हित में बताया। चारधाम तीर्थ पुरोहित, हक हकूक धारी महापंचायत समिति के महामंत्री हरीश डिमरी, चार धाम तीर्थ पुरोहित मुख्य प्रवक्ता डॉ. ब्रजेश सती, श्री केदारनाथ पंडा समाज के विनोद शुक्ला, रावल गंगोत्री हरीश सेमवाल, रावल यमनोत्री अनिरूद्ध उनियाल, सुरेश सेमवाल, विश्व हिन्दु परिषद् के वीरेन्द्र कृतिपाल, विपिन जोशी सहित बड़ी संख्या में समिति सदस्यों ने भी सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया।
पूर्व राज्यसभा सदस्य ने भी किया स्वागत
देहरादून में पूर्व राज्यसभा सदस्य और श्री नन्दा राज यात्रा समिति के अध्यक्ष तरुण विजय ने कहा सरकार का फैसला स्वागत योग्य है और अब सरकार को पुजारियों को वेतन पेंशन आदि सुविधाएं दिए जाने पर भी विचार करना चाहिए।
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