आजादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंत्योदय परिवार उत्थान योजना की शुरुआत की है। इसके तहत एक लाख 80 हजार रुपये तक की आय वाले परिवारों को उनके घर के नजदीक रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
इस अभियान के निदेशक मनदीप बराड़ ने पांचजन्य से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना एक महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत मिलकर कार्य करते हुए योग्य लाभार्थियों को इसका लाभ दिलाना और उनकी आमदनी को बढ़ाना हमारा मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए पूरे राज्य में मेलों का आयोजन किया जा रहा है। इन मेलों में सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए स्टॉल लगाए गए हैं, जहां लोग इन योजनाओं की जानकारी ले सकते हैं। योग्य लाभार्थियों को एसएमएस तथा जिला प्रशासन द्वारा दूरभाष के माध्यम से बुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे परिवारों यानी जिनकी सालाना आय 1.80 लाख रुपये से कम है, उनकी आय को बढ़ाना है। योजना लागू करने से पहले पूरे राज्य में सर्वेक्षण किया गया है।
मुख्यममंत्री मनोहर लाल ने बताया कि प्रदेश में इस तरह का यह पहला अभियान है। इस अभियान में डेढ़ लाख परिवारों को शामिल किया जाएगा। 25 दिसंबर तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। मेलों में लोगों को नए रोजगार देने पर फोकस रहेगा। लोगों को बुलाकर साक्षात्कार लिए जाएंगे। उन्होंरने कहा, ‘‘सभी को नौकरी नहीं दी जा सकती, इसलिए ये रोजगार मेले लगाए जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि हर हाथ को रोजगार मिले, चाहे वह पढ़ा-लिखा हो या अनपढ़ हो। इस उद्देश्य का यही मूल मंत्र है। हम इसे ही सामने रख कर काम कर रहे हैं। इस अभियान को लोगों का जबरदस्त सहयोग मिला है। हर जगह लोग उत्साहित होकर मेले में भाग लेने आ रहे हैं।’’
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि गरीबों की मदद करना सदियों से हमारी संस्कृति व परंपरा रही है। सरकार भी अपने संवैधानिक व नैतिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए गरीबों को मुख्यधारा में शामिल करने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना इसी अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के दर्शन पर चलते हुए सरकार ने गरीबों का जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए यह कारगर कदम उठाया है। सरकार ने गरीबों के उत्थान के लिए परिवार पहचानपत्र के माध्यम से आंकड़े एकत्रित करके इन परिवारों को इन मेलों के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि इन मेलों में सभी विभाग तथा बैंक भागीदारी कर रहे हैं ताकि लाभार्थी को मौके पर ही किसी योजना के साथ जोड़ा जा सके। इन मेलों के लिए अंत्योदय परिवारों को जिला प्रशासन की ओर से निमंत्रण दिया जा रहा है। सोमवार को प्रदेश भर में कार्यक्रम आयोजित किए गए।
अभियान में आए लोगों ने बताया कि यह पहला मौका है, जब प्रशासन उनसे इस तरह से बात कर रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि वे किस तरह का काम कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कहां से प्रशिक्षण मिलेगा। इसके बाद कहां से कर्ज मिलेगा। यहां एक छत के नीचे ही उन्हें सारी जानकारी मिल रही है। निश्चित ही यह सरकार का बहुत बड़ा प्रयास है। अंबाला छावनी के समलेहरी निवासी विकास कुमार व उनकी पत्नी दीपा देवी ने बताया कि वे कपड़े सिलाई करते हैं। वह अपना काम बढ़ाना चाह रही थीं, लेकिन उनके पास पैसे नहीं हैं। इस मेले में आकर उन्होंने अपनी बात रखी। यहां उन्हेंव प्रशिक्षण भी मिलेगा, जिससे उनके काम में कुशलता के साथ उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। बैंक पैसा देने के लिए भी तैयार हो गया है। इस तरह से घर बैठे ही उनका सपना साकार हो गया है।
मेले में आए यमुनानगर के बिलासपुर के रविंद्र कुमार ने बताया कि वह डेयरी का काम करना चाह रहे थे। इसके लिए उन्हें कर्ज नहीं मिल रहा था। लेकिन इस मेले के माध्यम से कर्ज भी मिल गया और प्रशिक्षण की व्यवस्था भी हो गई। साथ ही कर्ज पर अनुदान भी मिलेगा। इस तरह से वह तो घर बैठे ही आत्मनिर्भर हो गए हैं।
अभियान के निदेशक मनदीप बराड़ ने बताया कि यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि पात्र लाभार्थियों को बैंक जल्द से जल्द कर्ज दें ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। इसके लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को इस काम पर निगाह रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अगले चरण में हर खंड में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
टिप्पणियाँ