देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देवस्थानम बोर्ड को समाप्त करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि इस बोर्ड को लेकर चार धामों के तीर्थ पुरोहित नाराज चल रहे थे और विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड के विवादों के चलते पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने आज बोर्ड को समाप्त करने की घोषणा की है। सीएम ने कहा कि विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में इसकी औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी। देवस्थानम बोर्ड खत्म होने के बाद चार धाम और अन्य मंदिरों की प्रबन्धन व्यवस्था क्या रहेगी, इस बारे में अभी सरकार को फैसला लेना है। मंदिरों, मठों को सरकार के हस्तक्षेप से मुक्त रहना चाहिए। इस बात की मांग भी संत समाज से लगातार उठ रही है।
चार धाम में देवस्थानम बोर्ड के जरिये हजार करोड़ से भी ज्यादा के विकास कार्य चल रहे हैं, वो अब कैसे आगे बढ़ेंगे इस पर भी सरकार को जल्द निर्णय लेना पड़ेगा। बहरहाल सरकार के इस फैसले का संत समाज, विहिप, बजरंग दल, हिन्दू जागरण मंच ने स्वागत किया है। तीर्थ पुरोहित समाज ने भी राज्य सरकार का आभार प्रकट किया है। बता दें कि देवस्थानम बोर्ड एक्ट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में बना था, जो चार धाम केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री से जुड़े 51 मंदिरों की देखरेख करता है। हालांकि पुरोहित इस बोर्ड का विरोध कर रहे थे। पुरोहितों का कहना था कि यह मंदिरों पर उनके परंपरागत अधिकार को खत्म कर दिया है।
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