पूरे देश में हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों और उनके कार्यकर्ताओं को बदनाम करने का षड्यंत्र चल रहा है। छोटी—मोटी बातों पर भी मुस्लिम संगठन रणनीति के तहत हिंदू कार्यकर्ताओं को बदनाम करने और जेल भेजने का काम कर रहे हैं। झारखंड सहित कई जगहों पर पहले भी ऐसी घटनाएं देखने को मिली हैं कि अगर कोई मुसलमान चोरी या अन्य अपराध करता पकड़ा जाता है तो उसे भी बचाने के लिए मुस्लिम संगठन सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास करते हैं। ऐसा इसीलिए करते हैं ताकि इन्हें मजहबी समर्थन और सेकुलर मीडिया का साथ मिलता रहे।
ऐसा ही एक मामला 27 नवंबर को झारखंड की राजधानी रांची में देखने को मिला। कहा जा रहा है कि रांची के डोरंडा में एक बिल्डिंग के सामने चार से पांच कश्मीरी युवक रोड के बीचोंबीच ठेली लगाकर गर्म कपड़े बेच रहे थे। इस कारण सड़क जाम हो रही थी। उसी समय वहां से गुजरने वाले तरुण कुमार की मोटरसाइकिल एक कश्मीरी की ठेली से टकरा गई। इसके बाद वहां खड़े कश्मीरी तरुण कुमार से झगड़ने लगे। जब तरुण ने भी उनका मुकाबला किया तो उन्होंने फोन करके स्थानीय कुछ मुसलमानों को बुला लिया। कुछ ही देर में वहां बड़ी संख्या में मुसलमान जमा हो गए और उन लोगों ने तरुण कुमार को पीटना शुरू कर दिया। तरुण कुमार को बचाने के लिए दीपक झा और अरविंद कुमार सामने आए तो उन्हें भी बुरी तरह पीटा गया। इसी बीच वहां पुलिस पहुंची और इन तीनों को उन लोगों से बचाया।
इस घटना के बाद रांची के कुछ मुसलमानों ने कश्मीरी फेरीवालों को आगे करके एक झूठी कहानी गढ़ी कि हिंदू युवा कश्मीरियों से धार्मिक नारे लगाने के लिए कह रहे थे और उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनके साथ मारपीट की। इस कहानी को बताने के लिए तुरंत मीडिया को भी बुला लिया गया। इसके साथ ही मुस्लिमों ने पुलिस पर तीनों हिंदू युवकों की गिरफ्तारी का दबाव बनाया। इनका साथ सेकुलर पत्रकारों ने भी दिया। कुछ पत्रकारों ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मामले में हस्तक्षेप करने का निवेदन किया। मुख्यमंत्री ने भी आनन—फानन में कार्रवाई का आदेश दे दिया।
मामला जब आगे बढ़ा तो घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर लगे सीसीटीवी कैमरे को भी खंगाला गया। इसमें साफ देखा जा सकता है कि हमला करने वाले लोग मुस्लिम ही थे न कि हिंदू। इसके बावजूद हिंदुओं पर ही मामले दर्ज हो रहे हैं। ऐसे भी कार्यकर्ताओं पर मामले दर्ज हो रहे हैं, जो वहां थे ही नहीं। ऐसे ही एक कार्यकर्ता हैं भैरव सिंह। इन पर यह आरोप लगाया है कि इन्हीं के इशारे पर कश्मीरी युवकों के साथ बदसलूकी की गई है। पूरे मामले पर भैरव सिंह ने बताया कि किसी भी आपसी घटना के बाद भी हिंदू और हिंदू संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है। स्थानीय मुस्लिम संगठन और कश्मीरी युवक मिलकर एक षड्यंत्र के तहत पूरे देश से सहानुभूति बटोरने का काम कर रहे हैं। इसमें इन लोगों का साथ झारखंड की हेमंत सरकार भी दे रही है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों रांची और उसके आसपास में सैकड़ों कश्मीरी युवक गर्म कपड़े बेच रहे हैं। हाल ही में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें एक तरफ कश्मीरी होते हैं, तो दूसरी तरफ स्थानीय लोग। भाव कम करने की बात पर भी ये लोग झगड़ा करने लगते हैं और जब विवाद बढ़ जाता है, तब ये लोग वही पुराने आरोप लगाने लगते हैं कि धार्मिक नारा नहीं लगाने पर उनके साथ मारपीट की गई।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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