माना जाता है कि आयुर्वेद के साथ ज्योतिषशास्त्र की सहायता ली जाए तो किसी रोग की चिकित्सा बहुत ही आसान हो जाती है। बता दें कि आयुर्वेद चिकित्सा कर्म काल के अधीन है और काल की सही गणना करने वाला एक मात्र शास्त्र ज्योतिषशास्त्र है। इसलिए यह माना जाता है कि यदि ज्योतिष और आयुर्वेद के समन्वय से किसी व्याधि की चिकित्सा की जाए तो वह बहुत ही सटीक और सफल होती है। इस देखते हुए ही दरभंगा के राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान में देश के पहले ज्योतिष चिकित्सा बाह्य रोगी विभाग यानी ओपीडी का शुभारंभ किया गया है।
संस्थान के प्राचार्य और अधीक्षक वैद्य दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि अभी यह ओपीडी परीक्षण के तौर पर है, जिसे डॉ. दिनेश कुमार संभालते हैं। वैद्य दिनेश्वर प्रसाद ने यह भी कहा कि ज्योतिष और आयुर्वेद का बहुत ही पुराना संबंध है। हम सब जानते हैं कि नक्षत्र का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। ज्योतिषशास्त्र बहुत ही वैज्ञानिक गणना के आधार बताता है कि कब किसके साथ रोग आगमन की संभावना बनती है। यानी रोग की संभावना का पता चले तो व्यक्ति उसका इलाज करवा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा एक ऐसी पद्धति है, जो किसी को बीमार नहीं होने देती है और यदि कोई बीमार हो जाता है, तो उसे ठीक भी कर देती है। इसलिए यदि आयुर्वेद के साथ ज्योतिष की गणना को ध्यान में रखा जाए तो किसी भी रोग का बेहतर इलाज हो सकता है और यही कार्य दरभंगा में शुरू हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह के पिताजी रामेश्वर सिंह ज्योतिष के बड़े विद्वान थे। दरभंगा में ज्योतिष और आयुर्वेद को बढ़ावा देने में उनकी बड़ी भूमिका रही है।
ज्योतिष ओपीडी का शुभारंभ दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह की जयंती पर किया गया।
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