दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने दोहरे रवैये के लिए एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इन दिनों सोशल मीडिया में उनका एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। उसमें वे कहते दिखाई दे रहैं कि यदि पंजाब में उनकी पार्टी की सरकार बनी तो राज्य को नशामुक्त कर दिया जाएगा, क्योंकि इससे लोग, खासकर युवा बर्बाद हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उन्होंने दिल्ली को 32 क्षेत्र में बांटकर हर क्षेत्र में 27 शराब की दुकानें खोलने का निर्णय लिया है। यानी 864 शराब की दुकानें खोली जा रही हैं। इस तरह तो हर गली—मुहल्ले में शराब की दुकानें होंगी। उनकी इस शराब नीति का दिल्ली भाजपा की ओर से जबर्दस्त विरोध हो रहा है।
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता नवीन कुमार कहते हैं कि दिल्ली सरकार ने शराब कैसे पिलाई जाए, इसके लिए एक इंस्टीट्यूट खोलने का भी निर्णय लिया है। उहोंने कहा कि जिस सरकार ने दिल्ली में एक नया कॉलेज शुरू नहीं किया, उसने शराब का इंस्टीट्यूट खोल दिया। जिस सरकार ने 500 नए स्कूल खोलने का वादा किया था, उसने ऐसा तो किया नहीं। स्कूल की जगह उसने शराब की दुकानें खोल दीं। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में दारू पीने की उम्र भी 21 कर दी गई, जो पहले 25 वर्ष थी। उन्होंने यह भी बताया कि अब सरकार ने जहरीली या नकली शराब की जांच से भी अपने को अलग कर लिया है। अब जांच वही कंपनी करेगी, जिसकी दारू होगी।
सरकार की इन नीतियों से दिल्ली की महिलाओं में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि अब कई स्थानों पर महिलाएं भी खुलकर सामने आने लगी हैं। इन दिनों पूर्वी दिल्ली के बाबरपुर इलाके में 100 फुटा रोड पर वहां की महिलाएं सरकार की शराब नीति के विरोध में धरना—प्रदर्शन कर रही हैं। यह धरना 24 घंटे चल रहा है। महिलाओं का कहना है कि यदि हर गली में शराब की दुकानें होंगी तो नई पीढ़ी को बर्बाद होने में कितनी देर लगेगी! उन्होंने यह भी कहा कि जब तक केजरीवाल सरकार अपनी शराब नीति को नहीं बदलती है तब तक उनका धरना जारी रहेगा। ये महिलाएं पंजाब के लोगों से भी आग्रह कर रही हैं कि वे केजरीवाल के झांस में न आएं, क्योंकि उनकी नीति ठीक नहीं है।
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