म्यांमार से खतरा भांपकर चीन ने सीमा पर लगाए कैमरे और ड्रोन
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म्यांमार से खतरा भांपकर चीन ने सीमा पर लगाए कैमरे और ड्रोन

by WEB DESK
Nov 26, 2021, 04:02 pm IST
in विश्व
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

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चीन को पता चला है कि म्यांमार के कुछ जनजातीय गुट चीन के अक्खड़पन और विस्तारवादी रवैए से काफी गुस्से में हैं। संभव है वे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चीन को कुछ नुकसान पहुंचा सकते हैं

चीन अपनी सीमाओं को उच्च तकनीकी निगरानी से लैस करने में जुटा है। यह कदम उसने खास तौर पर म्यांमार से सटी अपनी 660 किमी. लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उठाया है। इस सीमा पर चीन ने उच्च तकनीकी बाड़ लगाई है और अब आगे 2000 किमी. की पूरी सीमा पर वह इसी तरह की बाड़ लगाने के काम में जुटा है। 

दरअसल चीन को म्यांमार से खतरे का अहसास हो रहा है। भारत के साथ चीन के चल रहे सीमा विवाद और तनाव के बीच चीन की कम्युनिस्ट सरकार दूसरे पड़ोसी देशों को भी अपनी विस्तारवादी नीति से परेशान करती आ रही है। म्यांमार में चीन की ऐसी साजिशों को लेकर तनाव और आक्रोश पनपता रहा है। चीन को यह भी मालूम पड़ा है कि म्यांमार के कुछ जनजातीय गुट चीन के अक्खड़पन और विस्तारवादी रवैए से काफी गुस्से में हैं और वे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चीन को कुछ नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसी खतरे को भांपते हुए ड्रैगन ने म्यांमार से सटी अपनी दो हजार किलोमीटर लंबी सीमा को उच्च तकनीकी बाड़ से घेरने का काम शुरू किया हुआ है। इसमें से 660 किलोमीटर की सीमा पर यह काम पूरा हो चुका है। बताते हैं, तीन स्तरीय बाड़ के साथ साथ उसने निगरानी कैमरे और ड्रोन तैनात किए हैं। उसका इरादा 2022 तक पूरी दो हजार किलोमीटर लंगी सीमा पर ऐसी ही चौकस निगरानी से लैस करना है। 

 

चीन की हरकतों से जुड़ी इस खबर पर भी गौर करना होगा कि भारत के उत्तर पूर्व में चीन अराजकता पैदा करने की कोशिश में है। पता चला है कि वह अपने यहां के उग्रपंथी गुटों को अपनी सेना के साथ युद्धाभ्यास कराता है। विशेषज्ञों के अनुसार, उसकी मंशा संभवत: भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में इन उग्रपंथी गुटों के जरिए अव्यवस्था फैलाकर भारत को अस्थिर करना चाहता है। 

 

उच्च तकनीकी वाली इस तारबंदी को फिलहाल चीन के युन्नान प्रांत से सटी सीमा पर पूरा कर लिया गया है। लेकिन जानकारों को अब भी संदेह है कि अगर चीन की हरकतें नहीं सुधरीं और उसने म्यांमार की सीमाओं में घुसपैठ की नीति नहीं छोड़ी तो वहां के जनजातीय गुट उसकी नापाक कोशिशों के विरुद्ध जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। पता यह भी चला है कि पिछले कुछ साल में इन गुटों के पास अत्याधुनिक हथियार पहुंच चुके हैं और इनकी मारक क्षमता बढ़ गई है। ऐसे में चीन को यह डर सताना स्वाभाविक ही था कि ये गुट उसकी सीमा का अतिक्रमण करके उसके सीमांत इलाकों में किसी गंभीर वारदात को अंजाम न दे दें। कहीं इन गुटों की अगुआई में विरोध का कोई बड़ा अभियान न छिड़ जाए। 

इसके साथ ही चीन की हरकतों से जुड़ी इस खबर पर भी गौर करना होगा कि भारत के उत्तर पूर्व में चीन अराजकता पैदा करने की कोशिश में है। पता चला है कि वह अपने यहां के उग्रपंथी गुटों को अपनी सेना के साथ युद्धाभ्यास कराता है। विशेषज्ञों के अनुसार, उसकी मंशा संभवत: भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में इन उग्रपंथी गुटों के जरिए अव्यवस्था फैलाकर भारत को अस्थिर करना चाहता है। 

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