प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर का शिलान्यास कर उत्तर प्रदेश के साथ ही देश को बड़ी सौगात दी है। यह एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। वहीं, दुनिया में यह चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रथम चरण के विकास के लिए 1,334 हेक्टयर (लगभग 3,300 एकड़) भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इसके निर्माण के लिए ग्लोबल बिडिंग के माध्यम से एवीएशन सेक्टर की कम्पनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इण्टरनेशनल एजी का चयन किया गया है।
आज अंतरराष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है उत्तर प्रदेश
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का नया भारत आज एक से बढ़कर एक बेहतरीन आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है। बेहतर सड़कें, बेहतर रेल नेटवर्क, बेहतर एयरपोर्ट ये सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स ही नहीं होते बल्कि ये पूरे क्षेत्र का कायाकल्प कर देते हैं, लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल देते हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तरी भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बनेगा। ये इस पूरे क्षेत्र को नेशनल गतिशक्ति मास्टरप्लान का एक सशक्त प्रतिबिंब बनाएगा। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते हैं। एयरपोर्ट को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी हजारों लोगों की आवश्यकता होती है। पश्चिमी यूपी के हजारों लोगों को ये एयरपोर्ट नए रोजगार भी देगा। आजादी के सात दशक बाद पहली बार उत्तर प्रदेश को वह मिलना शुरू हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से आज उत्तर प्रदेश देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है। पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को अभाव और अंधकार में बनाए रखा, पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को हमेशा झूठे सपने दिखाए, वही उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी, प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया, नोएडा सांसद डॉ. महेश शर्मा समेत अन्य नेता मौजूद रहे।
पहले की सरकार ने प्रोजेक्ट बंद करने के लिए कहा था
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूपी में और केंद्र में पहले जो सरकारें रहीं, उन्होंने कैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को नजरअंदाज किया, उसका एक उदाहरण ये जेवर एयरपोर्ट भी है। दो दशक पहले यूपी की भाजपा सरकार ने इस प्रोजेक्ट का सपना देखा था। लेकिन, बाद में यह एयरपोर्ट अनेक सालों तक दिल्ली और लखनऊ में पहले जो सरकारें रहीं, उनकी खींचतान में उलझा रहा। यूपी में पहले जो सरकार थी उसने एयरपोर्ट के प्रोजेक्ट को बंद करने के लिए केंद्र को चिट्ठी तक लिखी थी। अब डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से आज हम उसी एयरपोर्ट के भूमिपूजन के साक्षी बन रहे हैं।
दो चरणों में होगा विकास
बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विकास दो स्टेज में किया जाएगा। प्रथम स्टेज में यह एयरपोर्ट दो रन-वे का होगा। दूसरे स्टेज में बढ़ कर पाँच रन-वे का हो जाएगा। दो रन-वे का यह एयरपोर्ट 70 मिलियन यानी सात करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का होगा। इस पर लगभग 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। यात्रियों की क्षमता की दृष्टि से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विकास चार चरणों में होगा। प्रथम चरण में वर्ष 2023-24 में 12 मिलियन यानी एक करोड़ 20 लाख यात्रियों की वार्षिक क्षमता का यह एयरपोर्ट प्रारम्भ में एक रन-वे का होगा। वर्ष 2031 में बढ़कर 30 मिलियन यानी तीन करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का और दो रन-वे का हो जाएगा। वर्ष 2036 में यह 50 मिलियन और वर्ष 2040 में यह 70 मिलियन यानी सात करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का हो जाएगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रथम चरण वर्ष 2023-24 में जनता को समर्पित होगा और यहां से पहली उड़ान प्रारम्भ होगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। इनमें फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, इलेक्ट्रानिक सिटी, एपैरल पार्क आदि शामिल हैं। उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का अलीगढ़ नोड भी इस क्षेत्र के निकट है। दादरी में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब तथा बोडाकी में मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह सम्पूर्ण क्षेत्र औद्योगिक और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों का सबसे बड़ा केन्द्र बनेगा। गौरतलब है कि जेवर में 6200 हेक्टेयर में बनने वाला इंटरनेशनल एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के पहले चरण में 1334 हेक्टेयर में दो रनवे बनेंगे।
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