पंजाब की कांग्रेस सरकार लगातार विवादों में घिरी हुई है। पहले आपसी खींचतान, नौकरियों में भाई-भतीजावाद के बाद अब आतंकी के भाई को महत्वपूर्ण ओहदे पर बैठाकर राज्य की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार अपनी पार्टी के नेताओं के साथ विपक्ष के भी निशाने पर है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को ‘बड़ा भाई’ बताने के बाद चन्नी सरकार ने बलविंदर सिंह पन्नू को पंजाब जेनको प्रा. लि. का अध्यक्ष नियुक्त किया है। बलविंदर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का भाई है। यह नियुक्ति राज्य के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने की है। इस पर भाजपा ने कहा कि सिद्धू के पाकिस्तान दौरे के तुरंत बाद पन्नू की नियुक्ति संदिग्ध है। साथ ही, पूछा है कि क्या बलविंदर की नियुक्ति इमरान खान के इशारे पर की गई है?
निशाने पर चन्नी सरकार
बलविंदर पन्नू की नियुक्ति पर सबसे पहले कांग्रेस के ही विधायक फतेहजंग बाजवा ने सरकार को घेरा था। बाजवा का आरोप है कि बलविंदर कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा का करीबी है। उसका भाई गुरपतवंत पन्नू सिख फॉर जस्टिस (SFJ) नाम से खालिस्ताानी आतंकी संगठन चलाता है। भारत सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है। कनाडा में एनआईए उसके खिलाफ जांच कर रही है। उन्होंने पूछा कि आतंकी के भाई को जेनको का अध्यक्ष बनाकर चन्नी सरकार क्या साबित करना चाहती है। कांग्रेस के ही एक अन्य नेता अश्विनी शेखड़ी ने भी इस मामले की एनआईए से जांच कराने की मांग की है, क्योंकि राजिंदर बाजवा पर उससे करीबी संबंध रखने के गंभीर आरोप लगे हैं। उन्होंने बाजवा को बर्खास्तं करने की भी मांग की है।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने कांग्रेस से पूछा है कि बलविंदर की नियुक्ति क्या इमरान खान के इशारे पर की गई है? बता दें कि बलविंदर को सरकारी गाड़ी, दफ्तर के साथ सुरक्षाकर्मी भी मुहैया कराए गए हैं। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने सिद्धू पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वे पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाते हैं, वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा भाई कहते हैं। पंजाब में कांग्रेस आखिर करना क्या चाहती है?
कौन है गुरपतवंत पन्नू्?
गुरपतवंत पन्नू सिख फॉर जस्टिस का वैश्विक महासचिव है। संगठन में उसकी हैसियत दूसरे नंबर की है। वह अलग खालिस्तान राज्य के लिए जनमत संग्रह करने का प्रयास करता रहा है। यही नहीं, विदेशों में भारतीय राजनयिकों व नेताओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार, भारतीय दूतावासों के बाहर होने वाले हिंसक खालिस्तानी प्रदर्शनों में भी इस संगठन का नाम आता है। कथित किसान आंदोलन में भी पन्नू व उसके समर्थक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। पन्नू बाहर बैठ कर उन्हें संचालित करता रहा है। इसके अलावा, नागरिकता संशोधन कानून (CAA), अनुच्छेद-370 हटाने के खिलाफ प्रदर्शनों में भी सिख फॉर जस्टिस की भूमिका सामने आती रही है। कांग्रेस सरकार ने उसी आतंकी के भाई को जेनको का अध्यक्ष बना कर देश के सीमावर्ती राज्य की सुरक्षा को दांव पर लगा दिया है। हालांकि बलविंदर का कहना है कि उसका अपने भाई से कोई लेना-देना नहीं है।
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