उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद में तीन महीने पूर्व एक नाबालिग की मां ने अपने पति पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा और इस मामले में आरोप पत्र दायर किया था। अभियोजन पक्ष ने इस मामले की प्रभावी पैरवी की। न्यायालय ने मुकदमे की सुनवाई पूरी करते हुए मात्र तीन महीने के अंदर आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।
बहराइच जनपद के एक थाने में बीते 25 अगस्त को पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता की मां ने पुलिस को बताया कि उसका पति अपनी ही पुत्री के साथ दुष्कर्म कर रहा है। करीब दो वर्ष पहले इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया था। उसके बाद आरोपी कई बार इस प्रकार की घटना को अंजाम जे चुका है और विरोध करने पर वह जान से मारने की धमकी देता है।
पीड़िता की मां की शिकायत पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट एवं अन्य सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज किया। एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू की और आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेजा दिया। पुलिस ने विवेचना के दौरान डीएनए टेस्ट भी कराया और 11 दिनों के अंदर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। विवेचक ने न्यायालय में इस मुकदमे की प्रभावी ढंग से पैरवी की। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाया। न्यायालय ने अपने निर्णय में इस अपराध को जघन्यतम अपराध माना है।
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