दिनोंदिन बदतर होती जा रही कांग्रेस पार्टी को उसके ही नेता कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। सलमान खुर्शीद की किताब का विवाद अभी थमा नहीं, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की किताब का मामला सामने आ गया, जिसमें उन्होंने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।
दरअसल, मनीष तिवारी ने एक किताब लिखी है, जिसका नाम उन्होंने '10 Flash Points; 20 Years – National Security Situations that Impacted India' रखा है। उनकी यह किताब जल्द ही बाजार में आ जाएगी, लेकिन किताब मार्केट में आने से पहले मनीष तिवारी ने ट्वीट कर बताया है कि यह किताब यूपीए सरकार की दो दशकों के दौरान थमी चुप्पी पर है।
बताया जा रहा है कि मनीष तिवारी ने इस किताब में कांग्रेस की मनमोहन सरकार की जबरदस्त आलोचना की है। 26/11 घटना को लेकर पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई न करने पर उन्होंने तत्कालीन सरकार को नाकाम बताया है। उन्होंने लिखा है कि जब पाकिस्तान को निर्दोषों का खून बहाने पर कोई दुख नहीं हुआ तो वहां चुप रहकर संयम दिखाना कोई ताकत नहीं थी, बल्कि वह सरकार की कमजोरी की निशानी थी।
बीजेपी ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया- मनीष तिवारी ने 26/11 के बाद यूपीए सरकार की कमजोरी की ठीक आलोचना की है। एयर चीफ मार्शल फली मेजर ने भी कहा था कि इस हमले के बाद वायुसेना कार्रवाई करना चाहती थी, लेकिन यूपीए सरकार ने ऐसा नहीं करने दिया। कांग्रेस उस समय मुंबई हमले के लिए हिंदुओं को जिम्मेदार और पाकिस्तान को बचाने में व्यस्त थी।
मनीष तिवारी के बयान को लेकर बीजेपी भी कांग्रेस को आड़े हाथों ले रही है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि मनीष तिवारी ने ठीक कहा है, यूपीए सरकार के दौरान आतंकवाद के खिलाफ अप्रोच बहुत हल्की थी। उन्होंने जो कहा है कांग्रेस को उस पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। गौरतलब है कि अभी सलमान खुर्शीद की किताब को लेकर कांग्रेस दो गुटों में बंट गई है। अब मनीष तिवारी की किताब कांग्रेस पार्टी के लिए नई मुसीबत पैदा हो गई है।
बता दें कि 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। पाकिस्तान के कराची से नाव के जरिए मुंबई में घुसे इन आतंकियों ने ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल समेत कई जगहों हमला किया था। इस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
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