अफगानिस्तान में बंदूकधारी तालिबान अपनी मध्ययुगीन सोच के साथ भले सत्ता पर काबिज हो गए हैं, लेकिन वे युद्धग्रस्त देश के लोगों का मुहाल हुआ जीना पटरी पर नहीं ला पा रहे हैं। भारत ने राशन की बेहद कमी झेलते आम अफगानियों के लिए एक बार फिर पहल करते हुए सितम्बर में ही घोषणा कर दी थी। भारत ने गेहूं भेजने की पेशकश की थी, जिसके लिए उसे पाकिस्तान से सड़क मार्ग से वाया वाघा सीमा ले जाने की अनुमति का इंतजार था।
इस्लामाबाद में 22 नवम्बर को अपनी कैबिनेट बैठक के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने घोषणा की है कि पाकिस्तान सरकार भारत की तरफ से 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं के रूप में भेजी जाने वाली इस मानवीय सहायता को अपने इलाके से गुजरने की इजाजत दे रही है। बताते हैं, इमरान खान ने जिस रास्ते से यह गेहूं की खेप भेजी जानी है उसकी पूरी तैयारी करने के बाद यह निर्णय लिया। सोमवार को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इमरान खान ने हाल ही में गठित 'अफगानिस्तान इंटर-मिनिस्ट्रियल कॉर्डिनेशन' इकाई की पहली बैठक की अध्यक्षता की थी। इस मौके पर, 'तालिबान की मदद के लिए अपने को तत्पर' दिखाते हुए इमरान ने और देशों से भी अपील की कि अफगानिस्तान को मानवीय संकट से बचाने के लिए आगे आएं और मदद भेजें।
रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक, अफगानिस्तान पर गठित इस इकाई की बैठक में इमरान ने भारत के 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं को बरास्ते पाकिस्तान भेजने को इजाजत देने के बारे में बताया। जैसा पहले बताया, यह राशन सामग्री भेजने की पहल भारत की ओर से हुई है। अब बात बची है भारत के अधिकारियों के साथ यह खेप भेजने के बारे में जरूरी सरकारी कार्रवाइयां पूरी करने की जिसके फौरन बाद भारत की तरफ से गेहूं को रवाना कर दिया जाएगा। दिलचस्प तथ्य है कि फिलहाल गेहूं की इस खेप के लिए ही पाकिस्तान ने भारत को अफगानिस्तान भेजने की इजाजत दी है, जबकि भारत—पाकिस्तान के बीच अन्य किसी प्रकार का द्विपक्षीय कारोबार अभी बंद है।
अब बात बची है भारत के अधिकारियों के साथ यह खेप भेजने के बारे में जरूरी सरकारी कार्रवाइयां पूरी करने की जिसके फौरन बाद भारत की तरफ से गेहूं को रवाना कर दिया जाएगा। दिलचस्प तथ्य है कि फिलहाल गेहूं की इस खेप के लिए ही पाकिस्तान ने भारत को अफगानिस्तान भेजने की इजाजत दी है, जबकि भारत—पाकिस्तान के बीच अन्य किसी प्रकार का द्विपक्षीय कारोबार अभी बंद है।
खबर यह भी है कि अफगानिस्तान में तालिबान लड़ाकों की सरकार में विदेश मंत्री मुल्ला आमिर खान मुत्तकी ने ही प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा था कि वह पाकिस्तान के रास्ते भारत के गेहूं अफगानिस्तान जाने की इजाजत दें। मुत्तकी ने तब यह भी कहा था कि 'तालिबान सरकार' भारत से अफगानियों की मदद कबूल करने के लिए राजी है।
उल्लेखनीय है कि भारत पिछले करीब दस साल के दौरान आम अफगान जनता की मदद करता आ रहा है और इस दौरान 10 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं अफगानिस्तान को भेज चुका है। गत वर्ष भारत ने 75 हजार मीट्रिक टन गेहूं अफगानिस्तान भेजा था। बता दें कि भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने गत सितंबर माह में अफगानिस्तानी लोगों की बदहाली को दूर करने के उपाय के तौर पर संयुक्त राष्ट्र की उच्च स्तर की एक बैठक में इस बारे में सदस्य देशों को बताया था। कुछ अपुष्ट खबरों के अनुसार, पता यह भी चला है कि यह पाकिस्तान ही है जिसने अपनी आदत और सोच पर चलते हुए आम अफगान जनता को भारत की ओर से पहुंचाई जा रही राहत के रास्ते में अड़चन भी डाली हुई है।
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