बीजिंग शीत ओलंपिक के आयोजन को लेकर चीन पर गाज गिरने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। दुनिया के तमाम देश और मंच एक के बाद एक 2022 में चीन में प्रस्तावित इस खेल आयोजन से कन्नी काटने का मन बनाते जा रहे हैं। उइगरों पर अत्याचार, उनके मानवाधिकारों के दोषी चीन पर दबाव बढ़ता जा रहा कि या तो वह अपना रवैया ठीक करे अन्यथा दुनिया की बिरादरी उसका सार्वजनिक बहिष्कार करेगी।
अमेरिकी संसद में पहले ही बीजिंग विंटर ओलंपिक खेलों के बहिष्कार की मांग गूंज चुकी है। इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी कहना था कि चीन में होने जा रहे इन खेलों में अमेरिका भाग लेगा या नहीं लेगा इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। यूरोपीय संसद ने तो इन खेलों के बहिष्कार की पहले ही घोषणा कर दी थी। अब ताजा समाचार हैं कि ब्रिटेन भी बीजिंग विंटर ओलिंपिक 2022 में शामिल न होने का मन बना चुका है।
परंपरा के अनुसार, अमेरिका का राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ओलिंपिक के उद्घाटन कार्यक्रम और समापन समारोह में एक प्रतिनिधिमंडल भेजता रहा है, लेकिन इस बार बीजिंग में वह इन दोनों अवसरों पर अनुपस्थित रहने वाला है। इन खेलों के राजनयिक स्तर पर बहिष्कार का निर्णय लिया जा चुका है। इस कदम की अमेरिका के अनेक शीर्ष सांसदों ने सराहना की है।
उधर पता चला है कि अमेरिका के इस फैसले के बाद ब्रिटेन भी बीजिंग में 2022 में होने जा रहे विंटर ओलिंपिक का बहिष्कार करने की योजना पर विचार कर रहा है। एएनआई की खबर है कि बीजिंग विंटर ओलिंपिक के बहिष्कार की अमेरिका की घोषणा के बाद अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का भी कहना है कि वे चीन में कथित मानवाधिकार उल्लंघन को देखते हुए इन ओलिंपिक खेलों के राजनयिक बहिष्कार को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन की सरकार बीजिंग विंटर ओलिंपिक 2022 में अपने अधिकारियों को न भेजने का फैसला लगभग कर ही चुकी है, हालांकि अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, बहुत संभव है कि ब्रिटेन प्रतिनिधिमंडल की बजाय सिर्फ अपने राजदूत को इन कार्यक्रमों में भेजे। अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं है कि कोई अन्य अधिकारी भी इन समारोहों में शामिल होगा।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिज्यान ने बीजिंग विंटर ओलिंपिक 2022 के राजनयिक बहिष्कार को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति के फैसले के संदर्भ में कहा कि खेल का राजनीतिकरण ओलंपिक भावना के विपरीत है। हालांकि लिज्यान बड़ी सफाई से उइगर दमन और मानवाधिकार उल्लंघन के विषय पर चुप्पी साधे रहे।
एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट है कि दो दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन कह चुके हैं कि उनकी सरकार बीजिंग विंटर ओलिंपिक 2022 के राजनयिक बहिष्कार पर गंभीरता से सोच रही है। परंपरा ऐसी रही है कि व्हाइट हाउस ओलिंपिक खेलों के उद्घाटन तथा समापन समारोह में देश की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल भेजता रहा है, परन्तु इस बार बीजिंग के इन खेलों के राजनयिक बहिष्कार का फैसला किया गया है। सीएनएन के अनुसार, अमेरिकी कांग्रेस में सदन की अध्यक्ष नैंसी पलोसी ने कई दिन पूर्व चीन में उइगारों के मानवाधिकार हनन को मामला जोर—शोर से उठाते हुए वहां होने जा रहे शीत ओलंपिक खेलों के बहिष्कार की मांग उठाई थी।
उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में इन खेलों के आयोजन को लेकर अपनी फजीहत होती देख चीन का बयान आया है कि ओलिंपिक के राजनीतिकरण से विश्वभर में ऐसे खेल आयोजनों को हानि ही पहुंचेगी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिज्यान ने बीजिंग विंटर ओलिंपिक 2022 के राजनयिक बहिष्कार को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति के फैसले के संदर्भ में कहा कि ये ओलंपिक खेल और बीजिंग पैरालंपिक खेल विश्वभर के खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच हैं। उन्होंने कहा कि खेल का राजनीतिकरण ओलंपिक भावना के विपरीत है। हालांकि लिज्यान बड़ी सफाई से उइगर दमन और मानवाधिकार उल्लंघन का विषय पर चुप्पी साधे रहे।
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