उत्तराखंड निवासी वीरांगना ज्योति नैनवाल आज चेन्नई में सैन्य अफसर बनेंगी। ज्योति बलिदानी दीपक नैनवाल की पत्नी हैं। नायक दीपक जम्मू-कश्मीर के कुलगाम 2018 में गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हुए थे। इलाज के दौरान वह बलिदान हो गए।
दीपक ने 20 मई 2018 को बलिदान से पहले ज्योति से ये इच्छा जताई थी कि वह पढ़ी-लिखी हैं, लिहाजा वह भी एक दिन सैन्य वर्दी पहनें और देश की सेवा करें। ज्योति ने वीरांगना होने का परिचय देते हुए सेना की एसएससी परीक्षा पास की। चेन्नई में आर्मी ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण लिया और आज वह सेना की अफसर बन जाएंगी
ज्योति के दो बच्चे हैं। ट्रेनिंग के दौरानन दोनों दादा-दादी के पास रहे। दीपक के पिता कैप्टन चक्रधर नैनवाल भी सेना से रिटायर हैं। उन्होंने 1971 का युद्ध भी लड़ा। अपनी बहू को सैन्य अफसर बनता देख वो कहते हैं कि ये हमारे लिए सबसे बड़ी खुशी का दिन है। सेना में भी बदलाव हो रहा है। बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं रहा। वह तड़के तीन बजे उठकर दौड़ लगाती थी। मेहनत और दृढ़निश्चय से वह अफसर बनी है। ये हमारे परिवार के लिए गौरवशाली पल है। एक संदेश में ज्योति नैनवाल ने कहा कि मेरे वीर पति की जो अंतिम इच्छा थी वो पूरा कर मैंने उनसे किया वायदा निभाया है। सेना को भी मैं आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने हमारा ख्याल रखा। अपने बच्चों के लिए ज्योति कहती हैं कि मेरी बेटी खुश है और बेटा रेयांश भी सेना में ही जाना चाहता है।
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