आगरा के विश्व प्रसिद्ध पेठा उद्योग को हापुड़ शिफ्ट किया जाएगा। करीब 500 उद्योगों की 4500 भट्टियों में पेठा तैयार होता है। इसके धुएं से ताजमहल को खतरा है। यूपी सरकार आगरा के अलावा अन्य स्थानों में पेठा उद्योग को स्थापित करना चाहती है। हापुड़ में पेठा उद्योग के लिए सरकार ने सब्सिडी योजना भी शुरू कर दी है। अब तक 148 उद्योगों के लिए पंजीकरण भी हो गए हैं।
हापुड़ जिले में गंगा के किनारे 3500 हेक्टेयर में पेठा (कद्दू) की खेती होती है, जो आगरा में यमुना किनारे होने वाली खेती का बाद दूसरे स्थान पर है। यहां पैदा होने वाले पेठे की गुणवत्ता भी बेहतर है। यूपी की योगी सरकार ने यहां किसानों और व्यापारियों को पेठा (कद्दू) से पेठा मिठाई बनाने की औद्योगिक यूनिट लगाने के लिए सब्सिडी योजना शुरू की है। करीब 40 लाख रुपए की एक यूनिट लगाने में सरकार 10 लाख रुपए अनुदान दे रही है। साथ ही जीएसटी छूट के भी प्रावधान किए गए हैं। जिला उद्योग केंद्र में अभी तक 148 नई औद्योगिक इकाइयों के पंजीकरण हो चुके हैं। इस साल के अंत तक इनपर काम भी शुरू हो जाएगा।
आगरा का पेठा ताजमहल से भी पहले का माना जाता है, जो दुनियाभर में फेमस है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यहां कोयले की भट्टियों पर रोक लगा रखी है। इसके उत्पादन के लिए उद्योग विभाग ने यमुना पर, कालन्दी नगर में स्थान चयनित किया हुआ है, लेकिन अभी भी शहर में पेठा बन रहा है। ऐसे में किसी भी दिन प्रशासन सख्ती कर सकता है।
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