झारखंड में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पश्चिम बंगाल की तरह झारखंड में भी भाजपा के कार्यकर्ताओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। दो दिन पहले भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा, पलामू जिले के कोषाध्यक्ष सुमित श्रीवास्तव की निर्मम हत्या कर दी गई। सुमित श्रीवास्तव 25 वर्ष के थे। उनका शव डाल्टनगंज—औरंगाबाद मुख्य पथ पर 14 नवंबर की सुबह उनकी कार से मिला है।
पुलिस के अनुसार सुमित की हत्या बड़े ही सुनियोजित तरीके से की गई है। सुमित के पिता विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि 13 नवंबर की रात 10:30 बजे परिवार के सभी सदस्यों ने एक साथ भोजन किया और प्रत्येक दिन की तरह सुमित श्रीवास्तव अपने छोटे भाई जतिन श्रीवास्तव के साथ घर से 100 मीटर दूर अपने ही होटल में सोने चले गए। रात के करीब 12:00 बजे सुमित श्रीवास्तव को एक फोन आया। इसके बाद सुमित अपने छोटे भाई जतिन को जानकारी देकर अपनी गाड़ी लेकर वहां से निकले मगर वे लौटकर नहीं आ पाए। दूसरे दिन सुबह कुछ लोग घूमने के लिए निकले तो सुमित को उनकी कार में अचेत अवस्था में देखा। शक होने पर इसकी सूचना पुलिस और परिवार के अन्य सदस्यों को दी गई। इसके बाद सुमित को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने कहा है कि जिस व्यक्ति से सुमित श्रीवास्तव की फोन पर बातचीत हुई थी उसकी पहचान कर उसे गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
झारखंड में भाजपा नेताओं की हत्या का यह पहला मामला नहीं है। कुछ महीने पहले भी रांची के ओरमांझी में पुतला दहन कार्यक्रम से लौट रहे भाजपा नेता जीतराम मुंडा की हत्या घात लगाए अपराधियों ने कर दी थी।
भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि झारखंड में अपराधियों का नंगा नाच चरम पर है और राज्य सरकार सिर्फ अवैध वसूली में लगी है। उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हमारे कार्यकर्ताओं के हत्यारों को पकड़ कर सजा दिलाए, नहीं तो भाजपा आंदोलन करेगी।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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