बिहार में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। 11 नवंबर को भी एक युवक की मौत छपरा सदर अस्पताल में हो गई। गत 7 नवंबर को भेल्दी थानाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने पैगा और शोभेपुर में छापेमारी कर शराब पीने और बेचने के सिलसिले में 8 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मंडल कारा से इनमें 5 कैदियों को इलाज के लिए सदर अस्पताल छपरा भेजा गया था, उनमें से एक कैदी बृजेश्वर नट की 11 नवंबर की देर रात मौत हो गई।
पिछले 10 दिनों में 42 से अधिक लोगों की जान जहरीली शराब पीने से हो गई। मुजफ्फरपुर के कांटी थाना क्षेत्र के श्रीसिया गांव में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई। दो लोगों की मौत 8 नवंबर को हुई, जबकि 9 नवंबर को निजी अस्पताल में भर्ती हुए दो अन्य लोगों की भी जान चली गयी। एक व्यक्ति का इलाज चल रहा है।
बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर शराब के कारोबारियों के पौ बारह हैं। 15 नवंबर को इस प्रखंड में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए शराब पार्टी का दौर चल रहा है। इसी क्रम में श्रीसिया गांव में भी शराब पार्टी रखी गयी थी। शराब पीने के बाद 50 वर्षीय अशोक कुमार सिंह एवं लक्ष्मण राय के 25 वर्षीय बेटे सुमित राय की मौत हो गई। पहले तो परिजनों ने पुलिस को सूचना दिये बगैर मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन, जब इस मामले की पोल खुली तो हड़कंप मच गया। 9 नवंबर को सुबह में निजी अस्पताल में ईलाज करा रहे दो अन्य लोगों की भी मौत हो गई।
42 से अधिक लोगों को पी गई शराब
बिहार में धनतेरस से छठ के खरना तक 41 लोगों की मौत शराब पीने से हो गई। यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। धनतेरस के समय शराब पीने से गोपालगंज में 17 और पश्चिमी चंपारण (बेतिया) में 16 लोगों की मौत शराब पीने से हो गई। बेतिया के नौतन प्रखंड की दक्षिणी तेल्हुआ और झखरा पंचायत में धनतेरस के दो दिनों के अंदर ही 16 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा दर्जनों लोग बेतिया, नौतन, जगदीशपुर समेत कई निजी अस्पतालों में ईलाज के लिए भर्ती हुए। गोपालगंज में प्रशासन के अनुसार धनतेरस के 72 घंटे के अंदर एक-एक कर 11 लोगों की मौत हुई। हालांकि ग्रामीण 17 लोगों की मौत होने की बात कहते हैं।
पुलिस मुख्यालय ने भी स्वीकार किया है कि बिहार में लगातार जहरीली शराब से मौतें हो रही हैं। बिहार के सिर्फ तीन जिलों में नवंबर के पहले सप्ताह में 30 व्यक्तियों की मौत हुई। गोपालगंज में 11, पश्चिमी चंपारण (बेतिया) में 12 और मुजफ्फरपुर में सात लोगों की मौत की पुष्टि पुलिस मुख्यालय ने की है। 6 नवंबर को समस्तीपुर जिले के पटोरी थाना के रूपौली में शराब पीने के बाद बीएसएफ के एसआई विनय कुमार सिंह और आर्मी जवान मोहन कुमार समेत चार लोगों की मौत हो गई। इनमें संग्रामपुर के श्यामनंदन चौधरी और रूपौली के वीरचंद्र राय भी शामिल हैं। शराब पीने से यदुवंश और राजू का गंभीर हालत में इलाज चल रहा है। समस्तीपुर में सेना के जवान मोहन की चाची के छौर कर्म के दिन इन सभी ने एक साथ शराब पी थी। मुजफ्फरपुर में छठ के नहाय खाय के दिन (8 नवंबर) को दो लोगों की मौत हुई और खरना के दिन दो और लोग भी मौत के शिकार हुए।
अब एक्शन मोड में आयी पुलिस
बिहार में जहरीली शराब से हो रही लगातार मौतों ने प्रशासन के होश उड़ा दिए हैं। पुलिस लगातार एक्शन मोड में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 नवंबर को शराबबंदी की सख्ती पर एक समीक्षा बैठक बुलायी है। राज्य के सभी 38 जिलों में विशेष अभियान चलाकर देसी शराब की भट्ठी को ध्वस्त किया जा रहा है। जहरीली शराब से मौत वाले जिलो—मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, बेतिया और समस्तीपुर में सबसे अधिक कार्रवाई हुई है। इन चार जिलों में 19 हजार लीटर से अधिक देशी-विदेशी शराब बरामद की गई। पुलिस टीम ने 749 छापेमारी कर 568 लोगों को गिरफ्तार किया तो 347 मामले दर्ज किये हैं। शराब तस्करी में लगे 71 वाहनों को पकड़ा गया है।
पूर्णिया में पुलिस टीम पर जानलेवा हमला
कई स्थानों पर शराब की भट्ठी नष्ट करने जा रही पुलिस टीम पर जानलेवा हमला किया जा रहा है। पूर्णिया में शराब की भट्ठी नष्ट करने पहुंची पुलिस पर 7 नवंबर को मखनाहा गांव में 50 से अधिक महिलाओं व पुरुषों ने लाठी-डंडे व पत्थर से हमला कर दिया। भीड़ में फंसे थानाध्यक्ष संतोष कुमार झा के सिर पर लाठी से गंभीर चोट लगी।
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