असम के दरांग जिले के गोरुखुटी में 23 सितम्बर को हुई घटना के बाद जिला के चर-चापरी (नदी का छाड़न वाला क्षेत्र) इलाके में बेदखली की प्रक्रिया ठप हो गई थी। इस घटना ने वैश्विक सुर्खियां बटोरी थी। सरकार की काफी आलोचना हुई थी, लेकिन असम सरकार अपने फैसले पर अडिग रही। आखिरकार दो माह बाद फिर से गोरुखुटी के हिंसा वाले इलाके में प्रशासन ने अभियान जलाकर सैकड़ों अवैध कब्जा करने वाले लोगों को हटाकर पूरी सरकारी जमीन को खाली करा लिया है। असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से असम के स्थानीय लोगों की पहचान पर संकट खड़ा है। बांग्लादेशी घुसपैठियों का विरोध भी समय-समय पर होता रहा है। अदालत भी अतिक्रमणकारियों से जमीन मुक्त कराने का आदेश दे चुकी है।
जिला प्रशासन के साथ चर्चा के बाद अवैध अतिक्रमणकारी अपने घरों और आवासों को तोड़कर सरकार द्वारा चिह्नित स्थानों पर चले गये हैं। गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने 1 नंबर ढलपुर में अवैध रूप से रह रहे करीब 700 परिवारों को सरकारी जमीन को खाली करने का आह्वान किया था। प्रशासन के आह्वान पर अवैध कब्जा करने वालों ने काफी तेजी से सरकारी जमीन को खाली कर दिया। जिला प्रशासन ने 12 ट्रैक्टरों का उपयोग कर गोरुखुटी कृषि प्रकल्प परिसर का दायरा बढ़ाने के लिए इस तरह की बेदखली अभियान को पूरा कर लिया है। दूसरी ओर सरकार ने गोरुखुटी के नजदीक पहले से निर्धारित 1000 बीघा जमीन को अवैध अतिक्रमणकारियों को बसने की अनुमति दे दी है। गोरुखुटी की घटना के दौरान पुलिस और अवैध अतिक्रमकारियों के बीच गत 23 सितम्बर को जोरदार हिंसक झड़प हुई थी।zzzzzz
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